कौन हैं बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृुष्ण शास्त्री | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सम्पूर्ण जीवन परिचय | बागेश्वर धाम की सच्चाई

कौन हैं बागेश्वर धाम बाले धीरेन्द्र शास्त्री

Table of Contents

कौन हैं बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रारम्भिक जीवन कैसा रहा?

बचपन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन बहुत गरीबी व कठिनाइयों में व्यतीत हुआ है। शास्त्री जी का परिवार बहुत गरीव था स्थिति यह थी कि कभी कभी परिवार को मांगकर खाना पड़ता था।

स्थानीय लोगों के अनुसार, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बहुत ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। धीरेन्द्र की आठवीं तक की पढ़ाई गढ़ा के सरकारी स्कूल में हुई है।

कौन हैं बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री

बचपन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मन पढ़ाई में नही लगता था, इसलिए वह कई बार स्कूल ना जाकर मंदिर पहुँच जाते थे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का परिवार कर्मकांडी मतलब पूजा पाठ करने वाला था व पूजा पाठ की दक्षिणा से ही  परिवार का गुजारा चलता था।

धीरेंद्र जी के दादा सैतू लाल गर्ग भी पूजा पाठ व धार्मिक कार्य किया करते थे। धीरेंद्र शास्त्री ने पंडिताई के गुण दादा से ही खीखे थे व कम उम्र में ही धीरेंद्र पंडिताई करने लगे थे।

धीरेंद्र कष्ण शास्त्री के बचपन के दोस्तों के अनुसार, धीरेंद्र बचपन में पंडिताई का कार्य किया करते थे और कभी-कभी किक्रेट भी खेल लिया करते थे।

धीरेंद्र शास्त्री को अपनी पढ़ाई बचपन में ही छोड़नी पड़ी। तीनो बहन भाईयो में सबसे बड़े होने के कारण, कम उम्र में ही परिवार का खर्च उठाना पड़ा। और फिर एक दिन दादा गुरु के आशीर्वाद से बालाजी महाराज की सेवा में जुट गये।

कहाँ रहते हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के छाटे से गाँव गढ़ा के रहने वाले हैं। गढ़ा गाँव खजुराहो मंदिर से लगभग 35 किमी दूर पर पड़ता है।

यह गाँव दिल्ली से खजुराहो के रास्ते में छतरपुर के पास पड़ता है।  छतरपुर के पास गढ़ा गाँव में वागेश्वर धाम जहाँ धीरेन्द्र शास्त्री का आश्रम है और यहाँ ही धीरेन्द्र शास्त्री अपना दरवार लगाते हैं।

कैसे पहुंचते हैं लोग बागेश्वर धाम

बागेश्वर धाम में अधिकतर पहुंचने वाले श्रधालु दिल्ली से खजुराहो जाने वाली ट्रेन से आते है। छतरपुर के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है परन्तु यहाँ आने वाले लोग छतरपुर के पास ट्रेन की चेन खींचकर ट्रेन को रोकते हैं और यहाँ उतरते हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के माता पिता का नाम व परिवार के सदस्य

धीरेंद्र शास्त्री के माता का नाम श्रीमती सरोज देवा व पिता का नाम  श्री रामकृपाल है। इनके परिवार में कुल पाँच सदस्य हैं। धीरेंद्र शास्त्री कुल तीन भाई बहन हैं।

भाई बहनों में धीरेंद्र सबसे बड़े हैं, बहन रीता गर्ग और भाई शालीग्राम गर्ग इनसे छाटे हैं। वर्तमान में बहन रीता गर्ग की शादी हो चुकी है व भाई आश्रम  का काम देखते हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जन्म तिथि

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुआ था इस हिसाब से धीरेंद्र शास्त्री की वर्तमान आयु 26 साल  है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दरबार लगाना क्यूँ शुरू किया

धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो में बताया था कि हमें लगातार तीन बार सपने में हमारे दादा जी महाराज आए। उन्होने हमसे अज्ञातवास पर जाने के लिए कहा।

कौन हैं बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री

तब हम जानते नहीं थे कि अज्ञातवास क्या होता है, फिर हमें पता चला कि पांडवों ने भी अज्ञातवास किया था। तब हमें समझ आया कि अज्ञातवास से भी भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है, इसलिए हम जब अज्ञातवास से लौटे तो दरबार लगाने लगे और लोगों का साथ मिलता रहा।

गढ़ा में धीरेंद्र शास्त्री जहाँ दरबार लगाते हैं, उसी के पास एक प्राचीन शिव मंदिर है, कहते हैं कि इसी मंदिर में एक संन्यासी बाबा रहते थे, जिनकी विरासत को धीरेंद्र शास्त्री आज आगे बढ़ा रहे हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु कौन हैं?

धीरेंद्र शास्त्री रामभद्राचार्य जी महाराज को अपना गुरु मानते हैं।

कौन हैं बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सोशल मीडिया कनेक्शन 

बागेश्वर धाम की अपनी एक बेवसाइट है। धीरेंद्र शास्त्री के यू टयूब पर 37 लाख से अधिक सबसक्राइबर्स हैं और तीन साल में 54 करोड़ से अधिक व्यू हैं। इसी प्रकार फेसबुक पर बागेश्वर धाम के 30 लाख, ट्विवटर पर 60 हजार और इंस्टाग्राम पर 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं।

बागेश्वर धाम की वेबसाइट को आधुनिक ढंग से डिजाइन किया गया है जिसका प्रयोग, बागेश्वर धाम से जुड़ी जानकारी व प्रचार प्रसार के लिए किया जाता है। रजिस्ट्रेशन हेतु वेबसाइट  का प्रयोग किया जाता है। वेबसाइट पर स्थित लिंक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

बागेश्वर धाम के दरबार में जाने की प्रक्रिया

धाम की बेवसाइट के अनुसार, दरबार में प्रत्येक दिन लगभग 10 से 15 हजार लोग आते हैं। जब गुरु जी महाराज मतलब धीरेंद्र यहाँ रहते  हैं, तब मंगलवार और शनिवार को धाम आने वाले लोगों की संख्या 1 से 2 लाख हो जाती है। 

दरबार में कैसे पहुँचा जाये यह पूरी प्रक्रिया वेबसाइट  https://bageshwardham.co.in/ पर उपलब्ध है।  वेबसाइट के अनुसार, बागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं को समय समय पर टोकन दिये जाते हैं।

कमेटी महाराज के अनुसार श्रद्धालुओं को टोकन डाले जाने की तारीख बता देती है। टोकन पेटी में श्रद्धालुओं को अपना नाम, पिता का नाम, गाँव, जिला, राज्य, पिन कोड और फोनं नंबर लिखकर डालना होता है।

फिर जिसका टोकन लगता है, उससे कमेटी संपर्क करती है, व जिस दिन का टोकन उसी दिन बागेश्वर धाम जाना होता है। बेवसाइट के अनुसार, गुरूदेव खुद बता देते है कि कितनी पेशी करनी है पर कम से कम पाँच मंगलवार पेशी करने का आदेश हर भक्त को आता है।

बागेश्वर धाम द्वारा किये जाने वाले  सामाजिक कार्य

बागेश्वर धाम की वेबसाइट के अनुसार, दरबार द्वारा सामाजिक कार्य भी किये जा रहे हैं। जो कि निम्न हैं।

  • गौरक्षा
  • गरीब और बेसहारा कन्याओं की शादी
  • अन्नपूर्णा रसोईः मंगलवार, शनिवार को भूखों के लिए भंड़ारा
  • बागेश्वर बागीचा- बागेश्वर धाम द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए देशभर में बागेश्वर बागीचा बनाने का फैसला लिया गया है। मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में कई बागेश्वर बागीचा का निर्माण भी किया जा चुका है।
  • वैदिक गुरूकल बनाने की योजनाः बागेश्वर धाम के प्रांगण में एक वैदिक गुरूकुल की स्थापना की जा रही है, जहाँ बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ साथ वेदों का भी ज्ञान दिया जायेगा।

बागेश्वर धाम का पताः  बागेश्वर धाम, ग्राम- गढ़ा पोस्ट- गंज, जिला- छतरपुर, मध्य प्रदेश, पिन- 471105

तुला दान क्या है और इसके क्या लाभ हैं जानने के लिए पढ़े।

Spread the knowledge

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *