भारत का राष्ट्रगीत | राष्ट्रगीत के रचयिता | National Song of India

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National Song of India: भारत का राष्ट्रगीत

राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष के दिनों बंकिमचन्द्र चट्टपोपाध्याय द्वारा रचित बन्दे मातरम् नाम का यह गीत लोगों के लिए बहुत प्रेरणादायक रहा। वैसे तो यह गीत अधिक लम्बा है परन्तु इसका प्रथम खण्ड ही अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। राष्ट्रगीत का महत्व भी राष्ट्रगान के बरावर ही है। यह गीत प्रथम बार 1896 के कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया और उसके बाद यह सदैव गाया जाता रहा है।

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National Song’s  writer | राष्ट्रगीत के रचयिता

भारत के राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टपोपाध्याय हैं। भारत का राष्ट्रगीत बंकिमचन्द्र चट्टपोपाध्याय द्वारा रचित आनन्द मठ उपन्यास से लिया गया है।

National Song of India lyrics | राष्ट्रगीत इस प्रकार है

वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

सस्य श्यामलां मातरम्

शुभ्र ज्योत्सनाम् पुलकित यामिनीम्

फुल्ल कुसमित द्रुमदल शोभिनीम्

सुहासिनीम् सुमधुर भाषिनीम्

सुखदां वरदान मातरम्

वन्दे मातरम्

National Song of India lyrics in Hindi | राष्ट्रगीत का हिन्दी अर्थ

हे माता मैं आपको नमन् करता हूं।

हे माता आप सुंदर नदियों, सुन्दर फलों और मलय पर्वत की शीतल समीर तथा हरियाली से सुशोभित हैं।

आप की रातें चन्द्रमा की शुभ ज्योति से मन को पुलकित कर देती हैं,

आप के वृक्षों के झुण्ड फूलों से पल्लवित हैं।

आप हास्य नाद से गुंजायमान हैं और आप की वाणी बहुत मीठी है।

हे माता तू हमें सुख रूपी वर दे।

भारत के राष्ट्रीय पंचांग के बारे में हिन्दी महीनों के बारे में जानने के लिए पढ़ेः click here 

https://en.wikipedia.org/wiki/Vande_Mataram

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