मंगल के उपाय | मंगल के कारक तत्व | मंगल के अशुभ प्रभाव

मंगल ज्योतिष में शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी है। मंगल को ग्रहों में सेनापति माना जाता है।  मंगल का मुख्य तत्व अग्नि है और इसका मुख्य रंग लाल है।

तांबा मंगल की मुख्य धातु है और जौ इसका अनाज है। मंगल की राशियां मेष और वृश्चिक है। इस लेख में आप मंगल के अशुभ प्रभाव, मंगल के उपाय और मंगल के कारक तत्व के बारे में जानेगें।मंगल के उपायमंगल के अशुभ प्रभावः

अगर कुंडली में मंगल कमजोर हो तो व्यक्ति में साहस और पराक्रम का अभाव होता है। व्यक्ति छोटी-छोटी चीजों का निर्णय नहीं ले पाता।

मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति के अंदर जोखिम उठाने की हिमम्त नहीं होती। मंगल के पीड़ित होने पर व्यक्ति को विवादों, मुकदमेबाजी और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

व्यक्ति की त्वचा पर अक्सर काले धब्बे पड़ जाते हैं। व्यक्ति का पाचन तंत्र गड़बड़ हो जाता है। अगर आपकी कुंडली में मंगल पीड़ित है तो मंगलवार को भूमि ना खरीदें, रजिस्ट्री नी कराएं और ना ही मंगलवार को नए घर में प्रवेश करें।

अगर आपकी कुंडली में मंगल 6 व 8 वें घर का स्वामी है या दूसरे व सातवें घर का स्वामी है तो किसी ऐसे ग्रह की अंतर दशा में जिससे मंगल का छठे व आठवें का सम्बंध हो तो व्यक्ति को चोट-चपेट या एक्सीडेंट का खतरा रहता है।

अगर कुंडली में मंगल और राहु एक साथ बैठे हो तो यह भी एक अशुभ योग है जिसे अंगारक योग कहा जाता है। अगर कुंडली में मंगल नीच का होकर 12 वें भाव में बैठ जाता है तो व्यक्ति का छोटा भाई ही दुश्मन बन जाता है।

कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर होने पर ऐसे ब्यक्ति कर्जे में भी फंस जाते है। मंगल के कमजोर होने पर रक्त से सम्बंधित रोग भी हो सकते है।

 मंगल का रत्नः

मंगल का रत्न मूंगा है। इसे आप तांवे और सोने में धारण कर सकते हैं।

 मंगल के कारक तत्वः

ज्योतिष में मंगल वीरता, साहस, शौर्य, क्रोध, युद्ध, शत्रु, अस्त्र- शस्त्र, दुर्घटना, भूमि, छोटे भाई बहन, डाक्टर्स, यान्त्रिक  कार्य, पुलिस, सेना, जलना, शल्य क्रिया, आपरेशन, उच्च रक्तचाप, गर्भपात आदि का कारक होता है।

मंगल के उपायः

  • मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानष्टक, सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
  • महीने में एक बार मंगलबार को हनुमान जी का श्रृंगार जरूर करना चाहिए।
  • हनुमान जी को मीठे रोठ का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा अनार, केला या केसरी लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।
  • अपने छोटे भाई, साले और जीजा से अपनी रिश्ता अच्छा बना कर रखें।
  • बंदरो को गुड़ और भुने हुए चने खिलाने चाहिएं।
  • घर में रामायण का पाठ करना चाहिए।
  • रक्त दान करें व रोगियों को दवा का दान भी करें।
  • हनुमान जी के 108 नामों का जाप करना चाहिए।
  • मंगल के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

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