मनरेगा | राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन | NREGA

मनरेगा (महात्मा गांधी नरेगा):

यह एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य ‘काम के अधिकार’ की गारंटी देना है। यह अधिनियम 23 अगस्त 2005  में प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के तहत पारित किया गया था।

मनरेगा योजना के अन्तर्गत जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को पंजीकृत कर कार्ड जारी किये जाते हैं। पात्रता हेतु जनपद के ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना एवं अकुशल श्रम का इच्छुक होना अनिवार्य शर्ते।

पंजीकरण/जॉब कार्ड हेतु ग्राम प्रधान/ ग्राम रोजगार सेवक/ ग्राम विकास अधिकारी/ब्लाक ऑफिस से संपर्क किया जा सकता है।

MGNREGA फुल फॉर्मः   “Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act” 

लाभः

  • एक वित्तीय वर्ष में काम की मांग पर पंजीकृत प्रति परिवार 100 दिन का गांरण्टी शुदा रोजगार दिये जाने का प्राविधान।
  • मनरेगा से सम्बन्धित सम्पूर्ण सूचनायें ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। जिनकी जानकारी nrega.nic पर प्राप्त की जा सकती है।
  • काम की मांग पर रू. 201 प्रति की दर से मजदूरी भुगतान करना।
  • मनरेगा कार्यों को श्रेणी ए, बी, सी एवं डी के कार्यों को ग्रामीणों की आवश्यकता के प्राथमिकता क्रम में पूर्ण करवाया जाना।
  • ग़ाँव में खुली बैठक में कार्य योजना का चयनकर 65 प्रतिशत कृषि आधारित कार्यों को प्राथमिकता।
  • SECC डाटा में सूची बध) एस.सी, एस.टी. एवं श्रेणी में उल्लिखित परिवारों के व्यक्तिगत कार्यों को प्राथमिकता।
  • गांव में मजदूरी प्राप्त करने के साथ-साथ आजीविका संवद्धरन से सम्बन्धित परिसंपत्तियों का सृजन करना।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन:

कृषि उत्पादन एवं महिलाओं की कृषि आधारित आजीविका बढ़ाये जाने हेतु प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को समूह से जोड़ते हुए समूह/ ग्राम/ संगठन/ कल्स्टर संगठन गठन कर उच्चस्तरीय परिसंघों को संसाधन उपलब्ध करवाने सहित आजिविका के संसाधनो में वृद्धि किये जाने हेतु निम्न सुविधायें प्रदान की जा रही हैं।

  • प्रशिक्षण क्षमता एवं कौशल विकास हेतु समूह गठन कर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
  • चक्रीय कोष तथा सी.आई.एफ. के माध्यम से प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को उनके क्रियाकलापों के सम्पादनार्थ प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाना।
  • वित्तीय समावेश के माध्यम से समूह को उनकी मांग के अनुरूप रू. 01.00 लाख से अधिक ऋण 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दरों पर उपलब्ध करवाते हुए 3 प्रतिशत ब्याज का उत्पादन समूह को दिया जाता है।
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