SDM full form इन हिन्दी | SDM Salary | SDM Power | SDM कैसे बनें?| SDM Exam Eligibility

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पी.सी.एस प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा मानी जाती है। आजकल देश के अधिकांश युवा अपने कैरियर के रूप में प्रांतीय सिविल सेवा को चुनना चाहते हैं।

प्रांतीय सिविल सेवा कई तरह के पदों पर भर्तियां होत हैं। जिनमें मुख्यतः एस.डी.एम, डी.एस.पी और ए.आर.टी.ओ हैं।

इनमें से एस.डी.एम  बनना अधिकांश युवाओं की पहली पसंद है। आज हम इस आर्टिकल में एस.डी.एम से जुड़ी सभी जानकारी आपसे साझा करने जा रहें हैं जो हमने विश्वसनीय स्रोतों व उप जिलाधिकारी कार्यालय से इक्ट्ठा की हैं। इस आर्टिकल में आप जानेगें।

SDM full form क्या है?

SDM full form “सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Magistrate)” है और हिन्दी में इसे “उप जिलाधिकारी” कहते हैं।

उप जिलाधिकारी के अधिकार तथा कार्य | Powers of SDM | SDM Duties

एस.डी.एम, राज्य स्तर पर आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा द्वारा चयनित एक पी.सी.एस रैंक का अधिकारी होता है।

इसके अतिरिक्त UPSC द्वारा चयनित आई.ए.एस अधिकारियों को प्रारम्भिक स्तर पर जिले में एस.डी.एम के रूप में नियुक्त किया जाता है।

SDM full form

एस.डी.एम जिले में जिलाधिकारी के अन्तर्गत कार्य करता है। जो कार्य एक जिले स्तर पर जिलाधिकारी के द्वारा किये जाते हैं वही कार्य एक एस.डी.एम द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशानुसार एक तहसील स्तर पर किये जाते हैं।

एक जिले को कई तहसीलों या तालुकाओं में बांटा जाता हैं। फिर प्रत्येक तहसील के लिए राज्य सरकार द्वारा एस.डी.एम को नियुक्त किया जाता है। इन तहसीलों में नियुक्त किये जाने वाले एस.डी.एम आई.ए.एस कैडर व पी.सी.एस कैडर दोनो में से कोई भी हो सकते हैं परन्तु दोनो को ही जिले के जिलाधिकारी के अधीन रहकर कार्य करना पड़ता है।

 एस.डी.एम द्वारा तहसील में कई तरह के कार्य जिनमें प्रमुख रूप से राजस्व सम्बंधी कार्य, मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य व आपदा प्रबंधन सम्बंधी कार्य किये जाते हैं।

राजस्व सम्बंधी कार्य:

  • एस.डी.एम राजस्व से सम्बंधित विवादो को सुलझाने के लिए राजस्व न्यायालय का संचालन करता है।
  • एस.डी.एम तहसील में विभिन्न तरह के शुल्क जैसे सिंचाई शुल्क, उत्पाद शुल्क, आयकर बकाया और अन्य तरह के शुल्क को कलेक्ट करवाने की जिम्मेदारी उप जिलाधिकारी की होती है।
  • एस.डी.एम अपनी तहसील में राहत और पुनर्वास सम्बंधी कार्य करता है।
  • तहसील स्तर पर भूमि अधिग्रहण का कार्य करना। भूमि राजस्व का संग्रह करवाना व भूमि से सम्बंधी रिकार्ड को बनाएं रखना।
  • तहसील स्तर पर विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र जैसे एस.सी, एस.टी, ओबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर, विवाह आदि को जारी करवाना।
  • भूमि का मूल्यांकन
  • कृषि ऋणों का वितरण

मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यः

  • तहसील में ला एंड आर्डर को बनाये रखना।
  • तहसील में सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करना।
  • तहसील स्तर पर पुलिस के कार्यों को नियंत्रित और निर्देशित करता है।
  • भूमि अधिग्रहण का मध्यस्थ
  • प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, अकाल या महामारी के दौरान आपदा प्रबंधन।
  • दंगों या बाहरी आक्रमण के दौरान संकट प्रबंधन।
  • बाल श्रम / बंधुआ मजदूरी से संबंधित मामले।

एस.डी.एम की सैलरी कितनी होती है | SDM सैलेरी इन इंडिय़ा

एस.डी.एम सैलेरी स्ट्रक्चरः

ग्रेड पे-                              रू 5400

पे- स्केल                            रू 15600- 39100

एस.डी.एम को सरकारी भवन व सरकारी वाहन मिलता है इसलिए हमने नीचे दिये गये सैलरी स्ट्रक्चर में मकान भत्ता व गाड़ी भत्ता नही जोड़ा है। आप किसी भी लेवल पर सैलरी को कुछ इस प्रकार कैलकुलेट कर सकते हैं।

वेसिक पे- लेवल 10                               रू 56,100

महगांई भत्ता-17 प्रतिशत(2020)         रू 9537

एन.पी.एस कटौती-10 प्रतिशत                रू  5610

सैलरी अनुमानित                                         रू  60027

एस.डी.एम को मिलने वाली सुविधाए | SDM facilities

एक उप जिलाधिकारी को सैलरी के अतिरिक्त कई तरह की सुविधाएं दी जाती है जो निम्न प्रकार हैं।

  1. अपार्टमेंट (3 या 4 बीएचके)
  2. बिजली और पानी का बिल
  3. चिकित्सा व्यय
  4. फ्री फोन कॉल व इंटरनेट सुविधा
  5. कार्यालय वाहन
  6. अध्ययन अवकाश
  7. विदेश अध्ययन विकल्प
  8. परिवहन भत्ते
  9. सुरक्षा गार्ड और घरेलू सहायक

एस.डी.एम बनने के लिए शैक्षिक योग्यता | Qualification for SDM

 प्रदेश द्वारा आयोजित प्रान्तीय सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।

इसके अलावा वे उम्मीदवार जो स्नातक में अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ चुके हैं और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहें है वे भी प्रारंभिक परीक्षा के लिए पात्र हैं।

ऐसे उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन के साथ उक्त परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।

 पी.सी.एस परीक्षा के लिए आयु सीमा | Age for PCS Exam In U.P

सिविल परीक्षा के लिए, 01 अगस्त, 2021 के अनुसार उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम उम्र 40 वर्ष होनी चाहिए।

उपरोक्त निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में निम्नलिखित उम्मीदवारों के लिए छूट:

 5 वर्ष – अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (एससी / एसटी)

 5 वर्ष – अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)

उत्तर प्रदेश पी.सी.एस परीक्षा के लिए पाठयक्रम | UP PSC Exam Pattern( P.C.S Exam pattern in U.P) 

 उत्तर प्रदेश पी.सी.एस परीक्षा में तीन चरण होते हैः

प्रथम चरणः

प्रथम चरण में प्रारंभिक परीक्षा होती है जिसमें दो परीक्षाएं होती हैं। प्रथम परीक्षा 200 अंको की सामान्य अध्धयन विषय की होती है।

दूसरी परीक्षा उसी दिन 200 अंको की सी-सैट की होती है। दोनो ही परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न होते हैं। दोनो परीक्षाओं में एक गलत उत्तर देने पर एक तिहाई अंक की निगेटिव मार्किंग होती है।

पेपर I (सामान्य अध्धयन) – (200 अंक) अवधि: दो घंटे

 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं।

भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।

भारतीय और विश्व भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।

भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।

आर्थिक और सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि।

पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है।

सामान्य विज्ञान।

 पेपर II (सी- सैट) – (200 अंक) अवधि: दो घंटे :

यह एक क्वालीफांइग पेपर है, उम्मीदवारों को क्वालीफाई करने के लिए न्यूनतम 33% स्कोर अंक लाना आवश्यक है।

कॉम्प्रिहेंशन

संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल

तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता

निर्णय लेना और समस्या-समाधान करना

सामान्य मानसिक क्षमता

प्राथमिक गणित (कक्षा X स्तर – बीजगणित, सांख्यिकी, ज्यामिति और अंकगणित)

सामान्य हिन्दी- कक्षा 10 स्तर

सामान्य अंग्रेजी- कक्षा 10 स्तर

 उत्तर प्रदेश पी.सी.एस परीक्षा – मुख्य परीक्षा – UPPCS Main Exam Pattern

ए) लिखित परीक्षा

 मुख्य परीक्षा में कुल 7 पेपर होंगे जिनमें 1 क्वालीफांइग पेपर होगा और 6 पेपर जिनके आधार पर मेरिट बनेगी। सभी पेपरों में सब्जेक्टिव प्रकार के प्रश्न आयेगें।

क्वालीफाइंग पेपरः

पेपर 1 (150 अंक) – हिन्दी

मेरिट के लिए लिखे जाने वाले पेपर:

पेपर – 2                           निबंध                   150 अंक

पेपर – 3

सामान्य अध्ययन – I

(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल।)

200 अंक

पेपर – 4

सामान्य अध्ययन – II

(शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध।)

200 अंक

पेपर – 5

सामान्य अध्ययन – III

(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन।)

200 अंक

पेपर – 6

सामान्य अध्ययन – IV

(नैतिकता, अखंडता और एप्टीट्यूड)

250 अंक

पेपर – VI

वैकल्पिक विषय – सेक्शन-1

200 अंक

वैकल्पिक विषय – सेक्शन-2

200 अंक

(लिखित परीक्षा)- कुल अंक- 1500 अंक

इंटरव्यू- 100 अंक

कुल अंक- 1600 अंक

I.A.S के कार्य और शक्तियाॅं जानने के लिए पढ़ेःclick here

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