सूर्य ग्रह के उपाय | सू्र्य के कारक तत्व | सूर्य के मंत्र | पीड़ित सूर्य के लक्षण

ज्योतिष में दो ग्रह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं वे दो ग्रह हैं सूर्य और चन्द्रमा। सूर्य को ज्योतिष में व्यक्ति की आत्मा और चन्द्रमा को मन माना जाता है। इस लेख में आपको सूर्य ग्रह के उपाय, सूर्य के कारक तत्व, सूर्य के मंत्र व पीड़ित सूर्य के लक्षण के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

सू्र्य के तीन नक्षत्र है जिनका नाम कृतिका, उत्तराषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी है। काल पुरूष की कुंडली में सूर्य पांचवी राशि सिंह का स्वामी है।

चन्द्र, मंगल और गुरू सूर्य के मित्र ग्रह हैं जबकि शनि और शुक्र ग्रह शत्रु है। बुध सम ग्रह है। सूर्य की विंशोत्तरी दशा 6 साल की होती है।

जीवन में सूर्य का महत्वः

सूर्य का सीधा सम्बंध पिता, राज्य, राजकीय सेवा, मान-सम्मान, वैभव से होता है। हमारे शरीर में पाचन तंत्र, आंखें, हड्डियां और ह्रदय सूर्य से ही संबंधित है।

सूर्य ग्रह के उपाय

अगर आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत है तो आपको वैभव और समृद्धि मिलती है। सूर्य पुरूषों में दायीं आँख और महिला में बायीं आँख को दर्शाता है।

अगर कुंडली में सूर्य कमजोर हो जाये तो व्यक्ति को दरिद्रता और खराब सेहत का सामना करना पड़ता है। सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति के चेहरे का तेज समाप्त हो जाता है।

सूर्य के द्वारा बनने वाले अशुभ योगः

  • सूर्य को तुला राशि में नीच का माना जाता है। इस स्थिति में सूर्य काफी कमजोर हो जाता है। ऐसा सूर्य होने पर सेहत से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को आंखों, हड्डियों, सिर दर्द, पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्या वनी रहती है।
  • सूर्य का दूसरा अशुभ योग है ग्रहण योग। जब कुंडली में सूर्य और राहु एक साथ बैठ जाते है तो ग्रहण योग बनता है। इस योग में सूर्य के शुभ प्रभावों में कमी आती है। इस योग में व्यक्ति को अपने जीवन में अपयश का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर कुंडली में सूर्य पर पाप ग्रहों जैसे शनि का प्रभाव पड़ता है तो इससे सूर्य दूषित हो जाता है। कुंडली में सूर्य शनि के सम्बंध को विष योग कहते हैं। इस योग में पिता पुत्र के सम्बंध खराब हो जाते हैं। इस योग में स्नायु तंत्र से सम्बंधित समस्या भी हो सकती है।

कमजोर सूर्य के लक्षणः

सूर्य हमारे स्वास्थ्य के लिए बड़ा जिम्मेदार ग्रह है। अगर कुंडली में सूर्य कमजोर है तो व्यक्ति का शारिरिक गठन कमजोर होता है।

सूर्य ऊर्जा का कारक है, इसके कमजोर होने पर शरीर में शक्ति का संचार, स्फूर्ति और उत्साह बहुत कम दिखायी पड़ता है। शरीर में हमेशा आलस भरा रहता है।

ऐसे लोग हमेशा मुरझाये रहते हैं, व अपने पैरों को भी घसीट-घसीट कर चलते हैं। कमजोर सूर्य व्यक्ति की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास को बिल्कुल खत्म कर देता है।

निर्णय लेने की क्षमता भी बहुत कमजोर हो जाती है। व्यक्ति किसी भी निर्णय पर आसानी से नही पहुंच पाता।

सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान कम हो जाता है। ऐसे व्यक्ति अपनी बात सही ढंग से स्पष्ट नही कर पाते।

सूर्य की प्रकृतिः सूर्य पूर्व दिशा का स्वामी है। धातुओं में सूर्य तांबा और सोने का स्वामी है।

सू्र्य का रत्नः सूर्य का रत्न माणिक है। माणिक को हाथ की अनामिक उंगली में सोने धातु में पहना जाता है।

सूर्य के मंत्रः

  • सूर्य का वैदिक मंत्रः

ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मतर्यं च।

हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।

  • सूर्य का तांत्रिक मंत्रः

ॐ घृणि सूर्याय नमः

  • सूर्य का बीज मंत्र

ॐ हां हीं हौं सः सूर्याय नमः

सूर्य ग्रह के उपायः

  • पिता की सेवा करें और बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें।
  • अगर सरकार से सम्बंधित आपका कोई केस चल रहा है तो आपको दरिया का पानी अपने घर में किसी बर्तन में रखना चाहिए।
  • सूर्य को प्रातः अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य के मंत्रों का जाप करें, सूर्य के नामों की स्तुति करें। सूर्य की स्तुति में इनके इक्कीस नामों का उल्लेख किया गया है।

इन नामों को नियमित रूप से सुबह पढ़ने से सूर्य मजबूत होता है।

सूर्य के इक्कीस नामः

विकर्तन, विवस्वान, मार्तण्ड, भास्कर, रवि, लोकप्रकाशक, श्रीमान, लोकचक्षु, गृहेश्वर, लोकसाक्षी, त्रिलोकेश, कर्ता, हर्ता, तमिस्त्रहा, तपन, तापन, शुचि, साप्ताश्ववाहन, गभस्तिहस्त, व्रहा, सर्वदेवनमस्कृत।

  • मुंह में मीठा खाकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलें।
  • आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करें।
  • गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करें।
  • सूर्य के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

शनि ग्रह के उपयों के बारे में जानने के लिए पढ़े।

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