कार्बन फुटप्रिंट क्या है? | Carbon Footprint in Hindi

कार्बन फुटप्रिंट क्या है?

ग्रीन हाउस गैसों के प्रति व्यक्ति या प्रति औधोगिक इकाई उत्सर्जन की मात्रा को उस व्यक्ति या औधोगिक इकाई का कार्बन फुटप्रिंट कहा जाता है।

 कार्बन फुटप्रिंट को निकालने के लिए विश्वभर में लाइफ साइकल एसेसमेंट विधि का प्रयोग किया जाता है। इस विधि के अन्तर्गत व्यक्ति या औद्योगिक इकाई द्वारा वातावरण में उत्सर्जन कार्बनडाई ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों की कुल मात्रा को जोड़ा जाता है।

ग्रीन हाउस गैसों के प्रति व्यक्ति या प्रति औधोगिक इकाई उत्सर्जन की मात्रा को उस व्यक्ति या औधोगिक इकाई का कार्बन फुटप्रिंट कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में, प्रत्येक कार्य के लिए ऊर्जा की आवश्यक्ता पड़ती है और उस कार्य से कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित होती है जो धरती को गर्म करने में अहम योगदान निभाती है।

हमारे द्वारा प्रत्येक दिन, महीने व साल में जितनी कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करते हैं, वह हमारा कार्बन फुटप्रिंट है।

आमतौर पर कार्बन फुट प्रिंट को कार्बन डाईऑक्साइड के ग्राम उत्सर्जन में मापा जाता है, क्योंकि अन्य ग्रीनहाउस गैसों का ग्लोबल वार्मिंग में योगदान कमोबेश कार्बन डाईऑक्साइड जितना ही होता है।

अमेरिका में कार्बन फुटप्रिंट का औसत 17.3 टन है। प्रति व्यक्ति कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन के सम्बन्ध में आस्ट्रेलिया 19 टन उत्सर्जन के साथ विश्व का सबसे बड़ा देश बना हुआ है, जिसके पश्चात अमेरिका और सऊदी अरब का स्थान है।

कार्बन फुटप्रिंट कैसे कम करें?

  • एलईडी लाइट का इस्तेमाल करें। इनके इस्तेमाल से करीब 80 किलो कार्बन डाईऑक्साइड कम किया जा सकता है।
  • कुछ स्माल लाइट इंडिकेटर्स और स्टैंडबाय मोड पर इलैक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी कई किलो कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करते हैं।
  • अच्छी स्टार रेटिंग वाले उपकरण भी बिजली बचाते है। कोशिश करें अच्छी स्टार रेंटिग वाले इलैक्ट्रानिक उपकरण खरीदें।
  • वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण तभी चलाएं जब उचित मात्रा में कपड़े धोने हों अन्यथा अनावश्यक बिजली खर्च होगी।
  • गाड़ी के टायरों में हवा सही रखकर भी इँधन बचा सकते हैं।
  • लोकल रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें।
  • भोजन बर्बाद ना करें। उतना ही पकायें जितना जरूरत हो क्योंकि इसे तैयार करने में काफी ऊर्जा लगती है। पैक्ड फूड की जगह ताजे खाने को प्राथमिकता दें।
  • अधिक पेड़ लगायें। एक अकेला पेड़ अपनी लाइफ में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
  • ऊर्जा के प्राकृतिक स्रोतों का प्रयोग करें।
  • रेड सिग्नल होने पर गाड़ी का ईंजन बंद कर दें।

वॉटर फुटप्रिंट के बारे में जानने के लिए पढ़े

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