Electric Vehicle (EV) क्या है? | इलेक्ट्रिक कार इन इंडिया | रीजनरेटिव ब्रेकिंग क्या है | इलेक्ट्रिक कार बैटरी

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Electric Vehicle (EV) क्या है?| EV फीचर्स एंड बेनिफिट्स

पूरे विश्व में, पेट्रोल कार व डीजल कार के द्वारा बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसे उत्सर्जन के मामले में, इलेक्ट्रिक वाहन, डीजल और पेट्रोल वाहनों  की तुलना में बेहतर होते हैं।

हालांकि इलेक्ट्रिक कारें, पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में अधिक महंगी हो सकती हैं परन्तु अगर केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा इलेक्ट्रिक कार निर्माताओं कंपनी को कुछ सब्सिडी दी जाती है तो यह कीमत कुछ कम हो सकती है। इलेक्ट्रिक कार पर स्विच करने से ईंधन की खपत में काफी बचत की जा  सकती है।

Electric Vehicle

इलेक्ट्रिक कार कैसे चलती है | How does Electric Vehicle work?

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को आगे और पीछे दोनो मोड में चलाया जा सकता है। जब हम एक्सीलिरेटर पेडल को दबाते है तो कार में ये क्रियाएं होती हैं।

1- इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिए पावर को डीसी बैटरी से प्राप्त करके इन्वर्टर की सहायता से एसी में बदला जाता है।

2- एक्सीलेटर द्वारा क्न्ट्रोलर को एक संकेत भेजा जाता है जो इन्वर्टर से एसी पावर की आवृत्ति को बदलकर मोटर की गति को नियंत्रित करता है। जिससे वाहन की गति को नियंत्रित किया जाता है।

3- जब ब्रेक लगाये जाते हैं और कार की गति मंद होती है तो मोटर एक आल्टरनेटर बन जाती है जिससे बिजली पैदा होती है जो बैटरी को भेजी जाती है और बैटरी चार्ज होती है।

इलेक्ट्रिक कार (Electric Vehicle) के मुख्य भाग

बैटरी सेक्शन ( Electric car battery)

एक इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को चलाने के लिए, एक स्मार्ट फोन की तुलना में हजार गुणा अधकि पावर की आवश्यक्ता होती है। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक वाहन को हजारों  सेल की आवश्यक्ता होती है।

बैटरी की संरचना इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रकार के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है। मोटर को पावर एक बैटरी पैक से मिलती है। मोटर को आपूर्ति देने से पहले इसे ए.सी में परिवर्तित करना पड़ता है।

यह केवल एक लिथियम आयन सेल का कलेक्शन है जो हम दैनिक जीवन में इस्तेमाल करते हैं। सेलों को सीरीज एंड पैरेलल  संयोजन में जोड़ा जाता है जो कार को चलाने के लिए आवश्यक पावर उत्पन्न करते हैं।

सेलों के बीच में अंदरूनी टयूवो के माध्यम से ग्लाइकाल शीतलक गुजारा जाता है। कई बड़े सेलों के स्थान पर छोटे-छोट सेल का प्रयोग करने से  शीतलक क्रिया आसानी से हो पाती है।

यह थर्मल हाट स्पोट को कम करता है तथा तापमान वितरण को मैनेज करता है। जिससे बैटरी की लाइफ भी बढ़ जाती है।

सेल्स को इस तरह ब्यवस्थित किया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर मोड्यूल को अलग अलग किया जा सके। बैटरी पैक में 16 ऐैसे माड्यूल होते हैं जिनमें लगभग 7000 सेल होते हैं।

ग्लाइकाल एक रेडिएटर  से गुजरता है जो इसे  ठंडा करता है । इसके अलावा लिथियम आयन बैटरी का शक्ति घनत्व और ऊर्जा घनत्व ज्यादा होता है।

लिथियम आयन बैटरी का उपयोग सुरक्षित, तापमान और बोल्टेज रेंज के भीतर किया जाना चाहिए।

इन्वर्टर

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का सबसे मुख्य भाग इन्बर्टर है। इन्बर्टर को कार का मष्तिसक कहते हैं। इन्बर्टर एक इलैक्ट्रोनिक डिवाइस है जो फ्रीक्वेंसी उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है या हम साधारण भाषा में कह सकते हैं कि डी.सी को ए.सी में बदलने के लिए इन्बर्टर का प्रयोग किया जाता है।

इन्बर्टर द्वारा ए.सी पावर की फ्रीक्वेंसी को बदलकर मोटर की स्पीड को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। इतना ही नही इन्बर्टर द्वार ए.सी के एम्लीटीयूड( बोल्टेज) को नियंत्रित करके मोटर की शक्ति या टॉर्क को घटाया या बढ़ाया जा सकता है।

बैटरी चार्जर

यह चार्जर बैटरी को चार्ज करने के लिए उपलब्ध ए.सी पावर को डीसी पावर में परिवर्तित करता है। साथ ही यह चार्ज की दर को नियंत्रित कर बैटरी सेल के वोल्टेज स्तर को नियंत्रित करता है।

यह सेल के तापमान को मॉनिटर करता है और चार्ज को कंट्रोल कर बैटरी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

थ्री फेस इन्डक्शन मोटरः (Electric car motor)

कार को चलाने के लिए, कार के पिछले पहियों में इंडक्शन मोटर को जोड़ा जाता है। इंडक्शन मोटर को कार का पावर हाउस कहते है। इंडक्शन मोटर के दो मुख्य घटक होते है स्टेटर और रोटर।

स्टेटर को 3 फेज ए.सी इनपुट दिया जाता है। ए.सी करंट स्टेटर में रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न करता है जो सिंक्रोनस स्पीड Ns से स्टेटर के चारों तरफ घूमता है। सिंक्रोनस स्पीड Ns एसी की फ्रीक्वेंसी पर निर्भर करती है।

 Ns= 120.f/P                  जहां P पोल की संख्या है।

जब यह मैग्नेटिक फील्ड स्टेटर और रोटर के बीच एयर गैप को पार करके रोटर के पास पहुंचता है  और रोटर कंडक्टर को कट करता है।

फैराडे ला के अनुसार, जब मैग्नेटिक फील्ड रोटर कंडक्टर को काटता है तो रोटर वार में एक विधुत वाहक बल उत्पन्न होता है और इस ईएमएफ के कारण रोटर कंडक्टर में एक करंट बहने लगती है। परिणामस्वरूप रोटर घूमने लगता है।

रीजनरेटिव ब्रेकिंग क्या है? | What is Regenerative braking?

पेट्रोल और डीजल कार को रोकने के लिए जब ब्रेक लगाया जाता है तो गतिज ऊर्जा सामान्यतः बेकार हो जाती है।

जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) में ब्रेक के दौरान, ब्रेकिंग पैड और टायर के घर्षण से उत्पन्न थर्मल ऊर्जा को संग्रहीत कर पुनः इसका उपयोग बिजली देने के लिए किया जाता है।

इस तकनीक को रीजनरेटिव ब्रेकिंग कहा जाता है। इलेक्ट्रिक कार को केवल एक पैडल की सहायता से चलाया जा सकता है।  ये इसकी रीजनरेटिव ब्रेकिंग के कारण संभव हुआ है।

इसका मतलब है  बिना ऊष्मा  बाहर निकले, एक कार की गतिज ऊर्जा को बिजली के रूप में संचित कर लिया जाता है।

कार में जैसे ही आप एक्सीलीरेटर छोड़ते है रीजनरेटिव ब्रेकिंग काम करना शुरू कर देता है।

रीजनरेटिव ब्रेकिंग के दौरान इन्डक्शन मोटर एक जनरेटर के रूप में कार्य करने लगती है। यहां पहिये इन्डक्शन मोटर के रोटर को चलाते हैं।

हम जानते है इन्डक्शन मोटर में रोटर की गति रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड  से कम होती है। मोटर को जनरेटर में बदलने के लिए आपको सुनिश्चित करना होगा की रोटर की गति रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड  से अधिक हो।

ये स्टेटर कोइल में बिजली उत्पन्न करेगा जो आपूर्ति से अधिक होगी। इसके बाद इस बिजली को बैटरी पैक में संरचित रखा जा सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान रोटर पर एक बिधुत चुम्बकीय बल कार्य करता है।

इलैक्ट्रिक कार एक I.C  इंजन से कैसे बेहतर है। (Advantages of electric vehicle)

I.C  इंजन इलैक्ट्रिक इंजन
1- I.C  इंजन में टॉर्क और आरपीएम को अलग-अलग नियंत्रित नही किया जा सकता। 1- इलेक्ट्रिक इंजन में टॉर्क को बोल्टेज द्वारा एवं आरपीएम को फ्रीक्वेंसी के द्वारा, अलग-अलग नियंत्रित किया जा सकता है।
2- पेट्रोल और डीजल कार में इंजन की क्षमता केवल 20 से 30 प्रतिशत होती है। मतलब इंजन की 100 प्रतिशत पावर में से केवल 20 प्रतिशत ही पहियों के काम आती है शेष वेस्ट हो जाती है और उसको हैण्डल करना पड़ता है। 2- इलेक्ट्रिक व्हीकल में मोटर की क्षमता लगभग 90 प्रतिशत होती है मतलब बैटरी से जितनी ऊर्जा निकलती है वह आसानी से गाड़ी चलाने के लिए कन्वर्ट हो जाती है।
3- I.C  इंजन में मूविंग पार्टस बहुत ज्यादा होते हैं। इसलिए मेन्टीनेश ज्यादा होता है। 3- इलेक्ट्रिक व्हीकल में मूविंग पार्टस बहुत कम होते हैं।
4- I.C  इंजन में नाइस और वाइव्रेशन ज्यादा होता है। 4- इलेक्ट्रिक व्हीकल में कम मूविंग पार्टस होने के कारण, नाइस और बाइव्रेशन कम होता है।
5- एक I.C  इंजन  निर्धारित सीमा के अंदर ही टॉर्क और गति पैदा करता है। इसलिए पहियों को सीधे इंजन रोटेशन से  नही जोड़ा जाता। I.C  इंजन में पहियों की गति बदलने के लिए एक ट्रासमिंशिन लगाया जाता है। 5-जबकि इंडक्शन मोटर किसी भी गति में बेहतर काम करती है। इसलिए इसमें अलग-अलग ट्रांसमिशिन लगाना आवश्यक नही है।
6– एक I.C  इंजन एक प्रत्यक्ष घूर्णन गति को पैदा नही करता। इसमें पिस्टन की रैखिक गति को घूर्णन गति में परिवर्तित किया जाता है जिस बजह से यह यान्त्रिक सन्तुल के लिए बड़ी समस्या पैदा करता है। I.C  इंजन  मोटर की तरह सेल्फ स्टार्ट नही है। एक I.C  इंजन का पावर आउटपुट हमेशा एक समान नही रहता। इसके लिए कई अन्य उपकरण की आवश्यकता होती है। 6- इसके अलावा जवकि इंडक्शन मोटर में प्रत्यक्ष घूर्णन गति व एक साथ पावर आउपुट मिलता है। I.C  इंजन में उपयोग होने वाले कई पार्टस से इलेक्ट्रिक वाहन में बचा जा सकेगा। जिसके परिणामस्वरूप पावर टू बेट अनुपात इंडक्शन मोटर में कम होता है। जिससे वाहन बेहतर प्रदर्शन करता  है।

 

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इन इंडियाः

TATA Electric Car:

(i)- Tata Tigor EV                            Price- Rs10.58 to 10.90 lakh

Key Specifications:

Range- 213 Km/ Full charge

Transmission type- Automatic

Body type- Sedan

Seating Capacity- 5

Max Torque- 105 nm@ 250 rpm

Key features:

(I) Power steering         (II)  Antilock braking system     (III) Driver Airbag    (IV)  Automatic climate control      (V) Power  window  front     (VI)   Air Conditioner      (VII) Passenger Airbag

(ii) – TATA Nexon EV                                     Price- Rs. 13.99 to 16.25 Lakh

Key Specifications:

Battery- 30.2 KWH

Range- 312 KM/ Full charge

Power- 127.0 bhp

Charging Time- 60 min

Body Type- SUV

Key features:

(I) Power steering         (II)  Antilock braking system     (III) Driver Airbag    (IV)  Automatic climate control      (V) Power  window  front     (VI)   Air Conditioner      (VII) Passenger Airbag

Mahindra Electric Car:

(i)- Mahindra E Verito                 Price- Rs. 10.15 to 10.49 Lakh

Key Specifications:

(I) Battery capacity- 288 ah LI-ION

(II) Range- 181 Km/ Full charge

(III) Power- 41.57 bhp

 Charging Time- 11.30 min

 Fast charging – 1.30 min (80 %)

Features:

(I) Air condition     (II)  Power window front    (III)  Anti locking braking system   (IV)  Power steering

Hyundai Electric Car:

(i) Hyundai Kona Electric             Price- Rs. 23.75- 23.94 Lakh

Key specifications:

Battery capacity- 39.2 Kwh

Range- 452/Full charging

Power- 134.1 bhp

Charging time- 6 h 10 min

 Body Type- Sedan

 Features:

(I) Power steering         (II)  Antilock braking system     (III) Driver Airbag    (IV)  Automatic climate control      (V) Power  window  front     (VI)   Air Conditioner      (VII) Passenger Airbag

https://en.wikipedia.org/wiki/Electric_vehicle

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