ग्रीन कम्पयूटिंग क्या है | Green Computing in Hindi | ग्रीन कम्पयूटिंग वेनिफिट्स

ग्रीन क्म्पयूटिंग क्या है| What is Green Computing?

 

ग्रीन कम्पयूटिंग शब्द में ग्रीन शब्द का मतलब है पर्यावरण और कम्पयूटिंग का अर्थ है प्रोसेसिगं अर्थात एनवायरोमेंट फ्रेंडली कम्पयूटिंग या हम यह कह सकते हैं कि पर्यावरण को बिना नुकसान पहुचाये कम्पयूटिंग करना ही ग्रीन कम्पयूटिंग कहलाता है।

 

ग्रीन कम्पयूटिंग क्या है

दूसरे शब्दो में ग्रीन कम्पयूटिंग एक अध्धयन है जिसमें पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाकर, कम्पयूटिंग उत्पादों का डिजाइन, निर्माण और निस्तारण करना है।

ग्रीन कम्पयूटिंग में कम्पयूटिंग संसाधनो का कुशलतापूर्वक और पर्यावरण के अनुकूल रहते हुए प्रयोग करना है।

ग्रीन कम्पयूटिंग (हरित अभिकलन ) ऐसी नीतियों से सम्बंधित है जो इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देता है।

ग्रीन कम्पयूटिंग के उद्देश्य ग्रीन कैमेस्ट्री के समान ही हैं जिनमें खतरनाक पदार्थों के उपयोग को कम करना, उत्पादों के पुनर्चक्रण या उत्पादों का बायोडिग्रेशन आदि शामिल है।

ग्रीन कम्पयूटिंग की आवश्यकता क्यों है | Why is the need of Green Computing?

जैसा कि आप  जानते हैं कि कम्पयूटिंग के लिए बहुत सारे प्राकृतिक संसाधनो की आवश्यकता होती है जैसे एक कम्पयूटर बनाने के लिए बहुत सारे कच्चे माल की आवश्यकता होती है और जब कम्पयूटर तैयार हो जाता है तो उसे चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है और अन्त में खराब कम्पयूटर उत्पादों का निस्तारण करने के लिए भी प्राकृतिक संसाधनो का प्रयोग करना पड़ता है।

इन सभी प्रक्रियाओं में पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार कम्पयूटर संसाधनो का इस तरह उपयोग करना चाहिए जिससे कि पर्यावरण पर बुरा प्रभाव ना पड़े।

इसलिए ग्रीन कम्पयूटिंग की आवश्यकता होती है। अन्य कारण नीचे दिये जा रहे हैं जैसे

  •     जलवायु परिवर्तन
  •     ऊर्जा की बचत
  •     ई-वेस्ट मैनेजमेंट
  •     पर्यावरण अनुकूलन

ग्रीन कम्पयूटिंग को कैसे लागू कर सकते है | Approaches to Green computing

 1-   क्लाउड कम्पयूटिंग का प्रयोग करके

हम जानते हैं  मिनि ऑर्गेनाइजेशन में समान संसाधनो का प्रयोग किया जाता है जिससे कि संसाधनो का कुशलतापूर्वक और अच्छे ढंग से उपयोग होता है और परिणामस्वरूप पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।

2-  ई-वेस्ट(e-waste) का सही ढंग से निस्तारण(dispose) करना

सभी प्रकार के कम्पयूटर डिवाइस को बनाने के लिए ऐसे प्लास्टिक, कैमिकल्स और अन्य उत्पादों का प्रयोग किया जाना चाहिए जो रीसाइकिल किये जा सकें और जो बायोडिग्रेड्डबल हो अर्थात उन्हे ठीक से निस्तारित किय़ा जा सके ताकि वो पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाए।

3- पेपर का प्रयोग कम करके

आप किसी भी सूचना को भेजने के लिए ई मेल या अन्य किसी इलैक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग कर सकते हैं ताकि पेपर को बचाया जा सके और परिणामस्वरूप पेड़ो को कटने से बचाया जा सके।

4- पुराने उपकरणों और मशीनों की जगह नयी मशीनों को प्रयोग करना

पुराने उपकरणों की प्रोसेसिंग स्पीड कम होती है और वे अधिक ऊष्मा देते है। नये उपकरणों का प्रयोग करके प्रोसेसिंग स्पीड बढ़ेगी जिससे बिजली की खपत कम होगी और पर्यावरण को नुकसान कम होगा।

5- ग्रीन कम्पयूटिंग को लागू करने का सबसे अच्छी शुरूआत गूगल द्वारा की गयी है। गूगल द्वारा Blackle सर्च इंजन की शुरूआत की गयी है। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं जब गूगल सर्च इंजन की स्क्रीन सफेद होती है तो  एक घंटे में औसतन 74 वाट ऊर्जा की खपत होती है। वहीं Blackle सर्च इंजन में स्क्रीन काली होती है जिसमें एक घंटे में केवल 59 वाट ऊर्जा की खपत होती है। यह एनर्जी सेविंग का अच्छा उदाहरण है जो ग्रीन कम्पयूटिंग बढ़ावा देता है।

6- Thin client कम्पयूटर आर्किटेक्चर का प्रयोग करके

7- Zonbu पर्सनल कम्पयूटर का प्रयोग करके- यह कम्पयूटर एक साधारण बल्व की तुलना में केवल एक तिहाई ऊर्जा की खपत करता है। इस प्रकार के कम्पयूटर में कोई मूविंग पार्ट नही होता है।

ग्रीन कम्पयूटिंग के लाभ | Advantages of Green Computing

1-   ऊर्जा की बचत होती है

2-   पर्यावरण के अनुकूल है। पर्यावरण की ऱक्षा होती है।

3-   पर्यावरण संसाधनों का उचित उपयोग होता है

4-   ई-वेस्ट कम होता है

5-   कार्वन उत्सर्जन कम होता है

6-   उत्पादों को रीसाइकिल किया जा सकता है।

 

ग्रीन कम्पयूटिंग के नुकसान | Disadvantages of Green Computing

1-   क्रियान्वयन महंगा है।

2-   लोगों में जागरूकता की कमी है।

3-   टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव करना पड़ता है।

 

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