नीलम रत्न | शनि ग्रह का रत्न | नीलम रत्न के लाभ

आपकी जन्म कुंडली में शनि जिन भाव का कारक है उन भाव को मजबूत करने के लिए शनि का रत्न पहना जाता है। जब आपके लिए सब फैसले गलत साबित हो रहे हों ऐसे में नीलम रत्न पहनने से मन शांत होगा।

नीलम पहनने से व्यक्ति हर काम गंभीरता से करता है। अगर दूसरे लोग आप पर हावी हो रहे हों और आप निर्णय नही ले पा रहे हैं तो आपको नीलम रत्न पहनना चाहिए।

नीलम रत्न को पहनने से मन में तीव्रता आती है। शनि शोध यानि रिसर्च का भी कारक ग्रह है। ऐसे में नीलम मन को शांत करता है जिससे शोध कार्य में अच्छा मन लगता है।

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नीलम में एल्युमिनियम ऑक्साइड व क्रोमियम दो चीजें पायी जाती हैं जो सीधे-सीधे दिमाग को तेज करती हैं।
नीलम किसे पहनना चाहिएः
बृषभ लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न, तुला लग्न, मकर लग्न, कुंभ लग्न वाले नीलम रत्न पहन सकते हैं।

परन्तु नीलम धारण करने से पहनने से पहले यह देखना आवश्यक है कि नीलम किस भाव में स्थित है और शनि की युति किस ग्रह से है।

नीलम धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष सलाह जरूर लें।

नीलम रत्न के लाभः
नीलम जिस व्यक्ति को सूट करता है नीलम उस व्यक्ति को 24 घंटे में भिकारी से राजा बना देता है। कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनको नीलम ना फायदा करता है और ना ही नुकसान करता है।

कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनको नीलम केवल नुकसान करता है। नीलम जिन व्यक्ति को सूट करता है उन्हे धन, संपत्ति, सुख, यश, मान-सम्मान, आयु, बुद्धि, वंश वृद्धि देता है।

नीलम रोग और दरिद्रता से मुक्ति दिलाता है। नीलम मुख की कांति और आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। नीलम से नौकरी करने वालों की जॉब में स्थायित्व आता है।

नीलम जिसको फायदा पहुंचाता है उसको बीमीरी में जल्दी आराम मिल जाता है। नीलम धारण करने से राजनीति में सफलता मिलती है। जो लोग शनि से जुड़े कारोबार में हैं उनको नीलम रत्न फायदा पहुंचाता है।

नीलम कब नही पहनना चाहिएः
जब शनि की सूर्य, चंद्रमा, मंगल से युति हो या दृष्टि संबंध हो तो व्यक्ति को नीलम नही पहनना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में शनि मार्केश है मतलब दूसरे और सातवें घर का मालिक है ऐसे लोगों को भूलकर भी नीलम नही पहनना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में शनि तीसरे व आठवें भाव में है उन्हे भी नीलम नही पहनना चाहिए। शनि अगर अपनी राशि से 6,8,और 12 वें घर में हो तो भी नीलम पहनने से बचना चाहिए।

नीलम के अशुभ प्रभावः
नीलम जिन व्यक्तियों के शुभ नही होता है ऐसे व्यक्ति जब भी नीलम धारण करेंगें उन्हे पैरो में खुजली होने लगेगी व दिमाग भारी-भारी रहने लगेगा।

उनके हाथों पैरो में दर्द रहेगा व मन में घवराहट रहेगी। अगर नीलम अशुभ फल देगा तो व्यक्ति हर किसी से झगड़ा करेगा। गलत कार्य से व्यक्ति की धन कमाने की सोच बढ़ेगी।

बुद्धि सही दिशा में कभी काम नही करेगी और व्यक्ति गलत फैसले लेगा जिससे परेशानिया खत्म होने की बजाय बढ़ने लगेंगी।

अशुभ नीलम की पहचानः

जिस नीलम में सफेद रंग ज्यादा दिखायी दे ऐसे नीलम को पहनने से परिवार और आमदनी पर बुरा असर पड़ता है।

जिस नीलम में सफेद रेखायें और जाल होता है उस नीलम से व्यक्ति की उम्र कम होती है।

जिस नीलम में चमक ना हो ऐसा नीलम आपके रिश्तों को खराब कर सकता है।
नीलम को किस रत्न के साथ नही पहनना चाहिएः
नीलम को माणिक, पुखराज, मूंगा और मोती के साथ नही पहनना चाहिए। इनके साथ नीलम को पहनना घातक होता है।

नीलम का उपरत्नः
नीलम का उपरत्न नीली होता है। देखने में यह भी कुछ नीलम की तरह ही होता है परन्तु यह उससे बहुत सस्ता होता है।

नीलम को किस धातु में और कैसे धारण करना चाहिएः
नीलम को शुक्ल पक्ष में शनिवार के दिन पूजा पाठ कर (शनि ग्रह के बीज मंत्रो का जाप करके- 108 बार) पंचधातु या स्टील या चांदी की अंगूठी में सूर्यास्त के दो घंटे पूर्व अपने दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

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