राहु के उपाय ( Rahu ke Upay ) | राहु के बीच मंत्र | राहु काल

rahu ke upay

राहु क्या है और राहु के उपाय क्या हैं ?

राहु एक छाया ग्रह है। ज्योतिष में राहु को शनि की छाया माना जाता है। वैसे तो राहु को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नही है फिर भी राहु को मिथुन राशि में उच्च का व धनु राशि में नीच माना जाता है।

धातुओं में कोयला राहु को प्रदर्शित करता है और फूलो में नीले रंग के फूल राहु को प्रिय है। ज्योतिष शास्त्र में दुख का कारक व अशुभ ग्रह माना गया है। नक्षत्रो में राहु आद्रा, स्वाति व शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है।

राहु कुंडली में अच्छे व बुरे दोनो प्रकार के फल देता है। अगर कुंडली में राहु अच्छे भावो (केन्द्र, त्रिकोण) में और शुभ ग्रहों के साथ बैठा है, तो बहुत अच्छे परिणाम देता है और अगर कुंडली में त्रिक स्थान (6,8,12) या पाप ग्रहो के साथ स्थित है तो बुरे परिणाम देता है।

राहु ही ऐसा ग्रह है जो ब्यक्ति में पाप करने की प्रवृत्ति पैदा करता है। और इसकी अगली कड़ी में क्षणिक मौज मस्ती भी खूब देते है और जब आदमी पाप कर्म करके झूमने लगता है तभी आदमी को अकाएक, अचानक कोई मौका ना देकर आदमी को जमीन पर पटक देता है।

राहु के उपाय

राहु से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण | Rahu Dosha Symtoms

राहु से पीड़ित व्यक्ति भ्रमित अवस्था में रहता है। उसका व्यक्तित्व बिखरा हुआ रहता है वह सोचता कुछ है और करता कुछ और ही है। वह देखते-देखते अप्रत्याशित व्यवहार करने लगता है।

उसमें प्रतिशोध की भावना भी अधिक ही होती है। जो लोग राहु से पीड़िती होते है उन्हे दिमागी परेशानी, पागलपन, मिर्गी जैसी समस्या भी हो सकती है। राहु से पीड़ित व्यक्ति को रात में नींद भी सही से नही आती है।

उसमें नशे की आदत भी होती है। राहु से पीड़ित व्यक्ति में अतिकामुकता होती है। वह अपनी हवस पूरी करने के लिए पागल रहता है। खराब राहु से पीड़ित व्यक्ति घर के कोने में बैठने का आदि होगा और बह रोशनी की जगह अंधेरे में बैठना अधिक पसंद करेगा।

राहु कोर्ट, कचहरी, जेल के चक्कर भी कटवाता है। अशुभ राहु के प्रभाव में व्यक्ति पाप, षडयंत्र, धोखा करता है और इसी बजह से वह बाद में दुख भोगने के लिए बाध्य हो जाता है। राहु के खराब होने पर व्यक्ति की बुद्धि और विचार खराव हो जाते हैं। राहु से पीड़ित व्यक्ति को Rahu ke upay करने चाहिएं।

राहु के दूसरे ग्रहो की युति के साथ योग और फलः

राहु और मंगल की युतिः जब राहु मंगल के साथ युति बनाता है तब यह अंगारक योग कहलाता है। इस योग में जातक को गुस्सा बहुत आता है। इस योग के उपाय के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

राहु और बुध की युतिः जब राहु की बुध ग्रह के साथ युति बनती है तब यह जड़त्व दोष कहलाता है। यह जातक को व्यापार में धोखा करवाता है। इसमें जातक की बुद्धि, वाणी खराव हो जाती है। यह योग जातक को चालक, धूर्त, कपटी एवं धर्म के विरूद्ध आचरण करने वाला बनाता है।

राहु और गुरू की युतिः गुरू और राहु की युति को चांडाल योग कहते हैं।  जिस जातक की कुंडली में यह योग बनता है वह नास्तिक, पाखंडी तथा धार्मिकता में रूचि न रखने वाला होता है। इस योग में जातक को अपनी योग्यता के अनुसार परिणाम नही मिलते।

राहु और शुक्र की युतिः यह युति वैवाहिक जीवन के लिए अच्छी नही होती। यह युति जातक का चरित्र खराब करवाती है। यह युति जातक को विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित करती है। अगर यह युति सातवें भाव में हो तो वैवाहिक जीवन खराव करवाती है।

राहु और सूर्य की युतिः यह युति ग्रहण योग कहलाती है। यह योग जातक की प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नही होता। इस योग में जातक की प्रतिष्ठा खराव हो सकती है

राहु और चंद्र की युतिः इस युति में जातक गलत निर्णय लेता है और वह मानसिकता से धोखा खा सकता है।

राहु और शनि की युतिः इस युति में जातक को दीर्घकालिक समस्याएं आती है। जातक को दीर्घकालिक रोग हो सकते हैं।

राहु  मंत्रः राहु के बीज मंत्र  ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:’ का प्रतिदिन 108 बार जाप करना चाहिए।

राहु कालः राहु काल दिन में एक मुहूर्त अवधि होती है जो प्रायः अशुभ मानी जाती है। यह काल स्थान और तिथि के अनुसार अलग-अलग होता है मतलब यह अलग- अलग स्थान के अलग-अलग होता है। शास्त्रो के अनुसार किसी भी पवित्र, शुभ कार्य को राहु काल में नही करना चाहिए।

 राहु को शांत करने के 7 चमत्कारिक उपाय | Rahu remedies | Rahu ke upay

  • प्रतिदिन लाल चंदन का तिलक लगायें।
  • घर के कोनों को, छत को और शौचालयों को बिल्कुल साफ रखें। मकड़ी के जाले घर में ना लगने दें। खराब इलैक्ट्रानिक सामानों को घर में ना रखें।
  • आपको किसी पूर्णिमा तिथि को चार जटा वाला नारियल लेना है और नीले रंग का कपड़ा इतना बड़ा लेना है ताकि नारियल को उसमें बांधा जा सके। उसी पूर्णिमा तिथि को शाम के समय घर के चारो कोनो में एक-एक नारियल रख दें। फिर 45 दिन के आस-पास आने वाली अमावस्या तिथि को चारो नारियल को एक नीले कपड़े में बांध लेना है और अपने ऊपर 7 बार एंटी क्लोकवाइस अपने ऊपर उतारना है। इसके बाद इन्हे जल प्रवाह करना है । प्रवाह करते समय यह भाव करना है कि आप राहु की सभी अशुभता को अपने जीवन से विदा कर रहे है।
  • जब भी मौका मिले हाथी को केला खिलायें।
  • कुष्ठ रोगियों को खीर भोजन करायें।
  • घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में पीले रंग के फूल वाला पौधा लगायें। अगर घर में जगह ना हो तो कमरे के दक्षिण-पश्चिम दिशा पीले रंग का बल्व लगायें।
  • बायें हाथ में चांदी का कड़ा पहनें।

ग्रह और उनसे सम्बंधित उपाय जानने के लिए पढ़े- Click here

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