26 January Speech in Hindi | Republic Day speech in Hindi

26 january speech in hindi

26 January Speech in Hindi | Republic Day speech in Hindi

आज के दिन  सभी स्कूलों और सभी सरकारी कार्यलयों में  गणतंत्र दिवस बहुत उत्साह से मनाया जाता है। इस लेख में गणतंत्र दिवस पर भाषण का एक नमूना दिया जा रहा है। इस भाषण में  उन सभी तथ्यों  को शामिल किया गया  है जो गणतंत्र दिवस पर दिये जाने वाले  भाषण के लिए आवश्यक  है। आप गणतंत्र दिवस पर आप अपना भाषण कुछ इस प्रकार कह सकते है।

 

26 january speech in hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सभी आदरणीय शिक्षकगण, सभी अतिथिगण  और साथियों, सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई। आज हम 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहें है।

आज के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, और हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। गणतंत्र का मतलब है जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन। हमारे देश में राजा नहीं होता अपितु जनता अपना नेता स्वंय चुनती है।

आज का दिन, हमारे देश के उन महापुरूषों की याद दिलाता है। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। मैं उन सभी वीर सपूतों को नमन करता हूॅं। सभी महापुरूषों के द्वारा  देश के लिए किये गये सम्पर्ण को कभी नहीं भुलाया जा सकता। यह दिन हम सबको अपने, कर्तव्यों, अपने मौलिक अधिकारों और अपने देश के प्रति सत्यनिष्ठा की याद दिलाता है।

हमारा संविधान, हम सब देशवासियों का पथप्रदर्शक है। हम सब देशवासियों को संविधान का पालन करना चाहिए और संविधान के द्वारा बताये गये रास्ते पर चलना चाहिए। संविधान जहां हमें हमारे मौलिक अधिकारों का अधिकार देता है वहीं हमें हमारे देश के प्रति कर्तव्यों को भी बताता है।

आज हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और यह अधिकार हमें हमारे संविधान ने दिया है। संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण अधिकार देता है। हमें इन अधिकारों का प्रयोग देश के विकास और अपने समाज में से बुराइयों और भेदभाव को दूर करने के लिए करना चाहिए।

परन्तु आज भी कुछ लोगों के द्वारा अपने मौलिक अधिकारों का गलत प्रयोग किया जा रहा है। हमारा संविधान हमें, देश में एक साथ बिना भेदभाव के रहना सिखाता है। इसलिए हमें संविधान के प्रति  कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

आज के दिन  दिल्ली में इंडिया गेट पर भव्य आयोजन किया जाता है। जिसमें प्रदेशों के द्वारा अपनी-अपनी भव्य झांकियों का प्रदर्शन किया जाता है। स्कूलों के बच्चों द्वारा देश भक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। वहीं सेना के द्वारा परेड की जाती है जिसमें सेना अपने शौर्य व पराक्रम का प्रदर्शन करती  है।

जो यह बताता है कि आज हमारा देश किसी भी, मुश्किल परिस्थिति में डटकर सामना कर सकता है।

संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योकिं 31 जनवरी 1929  को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रात 12 बजे जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर नवगृहीत तिरंगे झण्डे को फहराया और 26 जनवरी 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया ।

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हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। आजादी के बाद संविधान के गठन के लिए, प्रारूप समिति का गठन हुआ। प्रारूप समिति में कुल 7 लोग थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। संविधान को बनने में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा, जिसमे कुल 12 सत्र थे। 

26 नंवम्बर 1949 के दिन संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अंगीकार कर लिया गया और संविधान सभा के 284 उपस्थित सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किया और ठीक 2 महीने बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया। संविधान सभा की अन्तिम बैठक (12 बैठक) 24 जनवरी 1950 को हुई। इसी दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

हमारे देश का संविधान, सम्पूर्ण विश्व में, सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाॅं और 22 भाग थे। परन्तु समय-समय पर आवश्यक्तानुसार, देश की संसद द्वारा संविधान में संशोधन किया गया और वर्तमान में अनुसूचियों की संख्या 12 है और गणना की दृष्टि से अनुच्छेदों की संख्या लगभग 470  और भाग 25 है।

संविधान बनने के उपरांत डा. अम्बेडकर ने संविधान के विषय में कहा था, मैं महसूस करता हूॅं कि भारतीय संविधान व्यावहारिक है, इसमें परिवर्तन क्षमता है और इसमें शान्तिकाल तथा युद्धकाल में देश की एकता को बनाये रखने की भी सामर्थ्य है। वास्तव में, मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि नवीन संविधान के अन्तर्गत स्थिति खराब होती है तो इसका कारण यह नहीं होगा कि हमारा संविधान खराब है, वरन् हमें यह कहना होगा कि मनुष्य ही खराब है।

भारत का संविधान अनेक दृष्टियों से एक अनूठा संविधान है। उसकी अनेक विशेषताएं हैं, जो विश्व के अन्य संविधानों से अलग  उसकी पहचान बनाती है। यहां हम आपको संविधान की कुछ विशेषताओं के बारे में बता रहे हैं जिनकी जानकारी आपके भाषण को और ज्यादा प्रभावी बना सकती है। आप चाहें तो अपने भाषण में इन विशेषताओं का वर्णन कर सकतें है।

1- विशाल व विस्तृत संविधानः

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के मूल संविधान में कुल 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाॅ तथा 22 भाग थे। वर्तमान में अनुसूचियों की संख्या 12 है और गणना की दृष्टि से अनुच्छेदों की संख्या लगभग 470  और  25 भाग है। सर आइवर जेनिग्स ने भारतीय संविधान को विश्व का सबसे बड़ा एवं विस्तृत संविधान कहा है।

2- लिखित संविधानः

संविधान लिखित या अलिखित हो सकता है। भारत का संविधान, ब्रिटेन के संविधान की तरह परम्पराओं एवं प्रथाओं पर आधारित ना होकर एक लिखित संविधान है।

3- प्रभुतासम्पन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य राज्य की स्थापना

4- संसदीय शासन प्रणालीः

भारत में, संविधान द्वारा इंग्लैण्ड के समान संसदीय शासन प्रणाली स्थापित की गयी है। भारत का राष्ट्रपति इंग्लैण्ड के सम्राट के समान कार्यापालिका का नाममात्र का प्रधान होता है। वास्तविक कार्यपालिका शक्ति जनता के द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों से गठित मंत्रिपरिषद् में निहित होती है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।

5- मूल अधिकारः

भारत में मूल अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त विशेष अधिकार हैं। इसमें उन आधारभूत अधिकारों का समावेश किया गया है जो व्यक्ति के विकास के लिए नितान्त आवश्यक है। भारतीय संविधान का भाग तीन, अनुच्छेद 12-35 मूलाधिकारों के बारे में है।

6- राज्य के नीति निदेशक तत्वः

भारतीय संविधान निर्माताओं ने भारत में कल्याणकारी राज्य की स्थापना करने के लिए, संविधान में नीति निदेशक तत्वों का समावेश किया।

7- स्वतंत्र न्यायपालिकाः

भारतीय संविधान द्वारा एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना उसकी एक महती विशिष्ट्टता है। भारत की शासन प्रणाली संघीय है किन्तु न्यायापालिका एकीकृत है इसका तात्पर्य है कि पूरे देश के लिए, एक ही सर्वोच्च न्यायापालिका है।

8- नम्यता और अनम्यता का अनोखा मिश्रणः

भारतीय संविधान नम्यता और अनन्यता का अनोखा मिश्रण है। संशोधन की दृष्टि से संविधान नम्य तथा अनम्य दो प्रकार का होता है। वे संविधान जिनमें संशोधन की प्रक्रिया जटिल होती है वे अनम्य(कठोर) संविधान तथा वे संविधान जिसमें संशोधन सरलता से किया जा सकता है नम्य संविधान कहलाते है।

9- केन्द्रोन्मुख संविधानः

भारतीय संविधान संधात्मक होते हुए भी एकात्मकता की प्रवृत्ति को भी धारण करता है।

10- एकल नागरिकताः

भारतीय संविधान द्वारा भारत की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उसकी संघीय संरचना के बावजूद एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है, कोई व्यक्ति सिर्फ भारत का नागरिक होता है, किसी राज्य का नही।

11- व्यस्क मताधिकारः

भारत में प्रतिनिधियों के निर्वाचन हेतु व्यस्क मताधिकार प्रणाली को अपनाया गया है। मूल संविधान में मताधिकार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष नियत थी परन्तु बाद में संविधान संशोधन द्वारा मताधिकार की न्यूनतम आयु 18 वर्ष कर दी गयी।

12- संविधान की सर्वोच्चताः

भारत में संविधान को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है क्योंकि सरकार के सभी अंग( कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका) सभी संविधान से ही अपनी शक्तियां प्राप्त करती है। जबकि ब्रिटेन में संसद और अमेरिका में न्याय पालिका को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है।

26 January Speech in Hindi

https://en.wikipedia.org/wiki/Republic_Day_(India)

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