राम मंदिर अयोध्या का इतिहास | राम मंदिर निर्माण कार्य | राम मंदिर उद्घाटन तिथि | राम मंदिर कैसे पहुंचे

राम मंदिर का इतिहास:

अयोध्या में राम मंदिर का इतिहास धार्मिक और राजनीतिक दोनों आयामों से गहराई से जुड़ा हुआ है। हिंदुओं का मानना है कि अयोध्या का यह स्थान हिंदू महाकाव्य रामायण के केंद्रीय पात्र भगवान राम का जन्मस्थान है। इस स्थल को लेकर विवाद मुख्य रूप से बाबरी मस्जिद के इर्द-गिर्द घूमता है, जो एक मस्जिद थी जिसे 16वीं शताब्दी में बनाया गया था।

यहां राम मंदिर के निर्माण से पहले की घटनाओं का एक संक्षिप्त ऐतिहासिक अवलोकन दिया गया है:

प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास:

अयोध्या सदियों से हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व का स्थान रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अयोध्या भगवान विष्णु के अवतारों में से एक, भगवान राम का जन्मस्थान है। समय के साथ, भगवान राम के सम्मान में अयोध्या में विभिन्न मंदिरों का निर्माण किया गया।

बाबरी मस्जिद का निर्माण:

16वीं सदी में मुगल बादशाह बाबर ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था। ऐसा माना जाता है कि मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के खंडहरों पर किया गया था जो भगवान राम के जन्मस्थान को चिह्नित करता था।

औपनिवेशिक काल:

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान, इस स्थल को लेकर तनाव पैदा हो गया था और स्थल पर प्रवेश और पूजा के अधिकार को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच कभी-कभी संघर्ष होते थे।

स्वतंत्रता के बाद की अवधि:

1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, इस मुद्दे को 1980 के दशक में प्रमुखता मिली जब विभिन्न हिंदू समूहों और राजनीतिक दलों ने उस स्थान पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत करना शुरू कर दिया, और दावा किया कि मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी।

बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992):

6 दिसंबर 1992 को स्थिति तब बिगड़ गई, जब हिंदू कार्यकर्ताओं की एक बड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। इस घटना के कारण पूरे भारत में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसके परिणामस्वरूप जान-माल का काफी नुकसान हुआ।

कानूनी विवादों:

मस्जिद के विनाश के परिणामस्वरूप स्थल के स्वामित्व पर कानूनी लड़ाई हुई। मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला (2019):

नवंबर 2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया, साथ ही मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय को जमीन का एक वैकल्पिक टुकड़ा आवंटित करने का भी निर्देश दिया।

राम मंदिर का निर्माण:

कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की योजना बनाई गई. निर्माण की देखरेख के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र  ट्रस्ट की स्थापना की गई थी, और शिलान्यास समारोह अगस्त 2020 में हुआ था।

राम मंदिर का निर्माण कई हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, और यह एक लंबे समय से चली आ रही मांग के पूरा होने का प्रतीक है।  पौराणिक साक्ष्यों, पुरातात्विक उत्खनन, रडार तरंगो की फोटो प्रणाली तथा ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर उच्चतम न्यायालय की 5 सदस्यीय पीठ ने 9 नवम्बर 2019 को सर्वसम्मत निर्णय देते हुए कहा कि यह 14000 वर्ग फीट भूमि रामलला की है।

तथ्य और प्रमाण के साथ आस्था और विश्वास की विजय हुई। इसके बाद भारत सरकार ने 5 फरवरी 2020 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र नाम से न्यास का गठन कर अधिगृहीत 70 एकड़ भूमि न्यास को सौंप दी। 25 मार्च 2020 को रामलला अस्थाई नवीन मन्दिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के करकमलों से विराजमान हुए।

राम मंदिर

राम मंदिर की सरंचानत्मक जानकारी

भारत सरकार ने न्यायालय के निर्दश पर श्रीराम जन्मभूमि के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट गठित किया है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोटी ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की है।

मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा को दिया गया है। श्री चंद्रकान्त सोमपुरा जी वर्ष 1986 से जन्मभूमि मंदिर की देखभाल कर रहे हैं।

सम्पूर्ण मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया जायेगा। मंदिर का फर्श भूतल से 16.5 फीट ऊंचा बनेगा। भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी। धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक भूकम्प के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए मृदा परीक्षण किया गया है।

जमीन के नीचे 200 फीट तक भुरभुरी बालू पायी गयी है, गर्भगृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर ही सरयू नदी का प्रवाह है इस भौगोलिक परिस्थिति में 1000 वर्ष आयु वाले पत्थरों के मन्दिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत व टिकाऊ नींव की ड्राइंग पर आई.टी.आई बंबई, आई.टी.आई दिल्ली, आई.टी.आई चेन्नई, आई.टी.आई गुवाहटी, केंद्रीय  भवन अनुसंधान संस्थान रूड़की  से परामर्श लिया गया है।

कुल क्षेत्रफलः 2.7 ऐकड़

कुल व्युल्टएप क्षेत्रफलः 57400 वर्ग फुट

कुल लम्बाईः 360 फुट

कुल चौड़ाईः 235 फुट

कुल ऊंचाईः 161 फुट

कुल तलः 3

प्रत्येक तल की कुल ऊंचाईः 20 फुट

मंदिर के ग्राऊंड तल में कुल कॉलम की संख्याः 160

मंदिर के प्रथम तल में कुल कॉलम की संख्याः 132

मंदिर के द्वितीय तल में कुल कॉलम की संख्याः 74

मंदिर में कुल मंडपो की संख्याः 5

मंदिर में कुल द्वारो की संख्याः 12

राम मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी का नामः

राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए विश्व की प्रख्यात कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के साथ अनुबंध किया गया है। राम मंदिर के निर्माण का कार्य लार्सन एंड टूब्रो के द्वारा तय समय में अत्याधुनिक तकनीकों के द्वारा उच्च प्रशिक्षित इंजीनियरों की देखरेख में किया जायेगा।

राम मंदिर के निर्माण में सलाहकार कंपनी का नामः

राम मंदिर के निर्माण के लिए सलाहकार कंपनी के रूप में टाटा इंजीनियर्स के साथ अनुबंध किया गया है। जैसा कि हम जानते है कि राम मंदिर का निर्माण सरयू नदी के निकट किया जा रहा है इसलिए भूमि के नीचे 200 फुट की गहराई तक भुरभुरी बालू होने के कारण मंदिर की नींव का मजबूत होना अति आवश्यक है जिस हेतु टाटा इंजीनियर्स द्वारा मंदिर की नींव की ड्राइँग तैयार करने में सहायता प्रदान की जा रही है।

राम मंदिर कैसे पहुंचेः

अगर आप राम मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो आप भारत या विश्व के किसी भी कोने से बहुत आसानी से राम मंदिर पहुंच सकते हैं। हम यहाँ आपको तीनों माध्यमों के बारे में बता रहे हैं।

  • हवाई जहाज द्वाराः अगर आप अपनी यात्रा वाई एयर करना चाहते हैं तो अयोध्या से निकटतम दो एयरपोर्ट स्थित हैं। (क) प्रथम है गोरखपुर एयरपोर्ट जिसकी अयोध्या से दूरी मात्र 118 किमी है। (ख) दूसरी एयरपोर्ट अमौसी है जोकि लखनऊ में है जिसकी अयोध्या से दूरी 125 किमी है।
  • ट्रेन द्वाराः अगर आप ट्रेन के माध्यम से अयोध्या आना चाहते है तो आप आसानी से यहां आ सकते है। क्योंकि राम मंदिर से कुछ किमी की दूरी पर अयोध्या रेलवे स्टेशन है। वर्तमान में भारत सरकार नें राम मंदिर के महत्व को देखते हुए दिल्ली व अन्य राज्यों से कुछ विशेष ट्रेन सीधे अयोध्या तक चलाने का निर्णय लिया है।
  • रोड के द्वाराः अगर आप रोड के द्वारा अपने वाहन से या बस के माध्यम से अयोध्या आना चाहते है तो यह भी एक आसान तरीका है। उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन द्वारा अयोध्या तक 24 घण्टे बस सेवा प्रदान की जा रही है। लखनऊ, दिल्ली और गोरखपुर से आपको 24 घण्टे बस मिल सकती है।

 मुख्य शहरों से अयोध्या की दूरी कुछ इस प्रकार है।

लखनऊ से 130 किमी

वाराणसी से 200 किमी

प्रयागराज से 160 किमी

गोरखपुर से 140 किमी

दिल्ली से 636 किमी

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा होगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का होगा जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाने के लिए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर के विद्वानों और ज्योतिषाचार्य से प्राण प्रतिष्ठा के लिए समय निर्धारित करने के लिए अनुरोध किया था जिसके परिणामस्वरूप काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने जो मुहूर्त चुना उसे सबसे सटीक मानकर उसमें ही रामलला की स्थापना की जाएगी।

राम मंदिर उद्घाटन में आमंत्रित लोगों की सूची

राम मंदिर ट्रस्ट ने क्रिकेटरों, उद्योगपतियों और अभिनेताओं जैसी हस्तियों को निमंत्रण दिया है। जिनमें से कुछ अतिथियों के नाम नीचे दिये गये हैं।

आमंत्रित अतिथि                                     

नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधान मंत्री

सचिन तेंडुलकर, पूर्व क्रिकेटर

विराट कोहली, क्रिकेटर

मुकेश अंबानी, उद्योगपति

गौतम अडानी, उद्योगपति

रतन टाटा, उद्योगपति/परोपकारी

अरुण गोविल, अभिनेता

दीपिका चिखलिया, अभिनेता

योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

बाबा रामदेव, संत

मोहन भागवत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख

राम मंदिर के बारे में कुछ विशेष जानकारी

  • अयोध्या स्थित रामलला के जलाभिषेक के लिए नेपाल की नदियों का जल एकत्रित किया गया है जिसमें बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला आदि नदियों का जल  भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा।
  • राम मंदिर के लिए 14 स्वर्ण जड़ित दरवाजे तैयार किये जा रहे हैं। ये दरवाजे महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से तैयार किये जा रहे हैं।
  • मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार हो गया है और दिल्ली से पहली उड़ान 30 दिसंबर को इस हवाई अड्डे पर उतरेगी। एयरलाइंस कंपनी इंडिगो (Indigo) पहले चरण में अयोध्या से दिल्ली और अहमदाबाद के लिए उड़ान शुरू करने जा रही है।
  • अयोध्या के मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए रास्तों परअलग-अलग भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. देश के विभिन्न भागों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए यह कार्य किया जा रहा है। इनमें दक्षिण की तमिल, तेलुगू जैसी बड़े पैमाने पर बोली जाने वाली भाषाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए भी रास्ते चिह्नित किए जा रहे हैं.
  • राम मंदिर की सुरक्षा के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें एआई बेस्ड 2500 सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेगें।
  • अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्टा के बाद उनकी 1 किलो सोना और 7 किलो चांदी से तैयार चरण पादुकाएँ ऱखी जायेंगी।
  • अयोध्या में 51 इंच की होगी रामलला की मूर्ति जिसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा। हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर कुछ देर के लिए पडेंगी।                                                                                                                                                                                                                  केदारनाथ मंदिर के बारे में जानने के लिए पढ़ेे
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