प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रमः
भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना के अन्तर्गत विनिर्माण क्षेत्र अधिकतम रू. 25 लाख एवं सेवा क्षेत्र अधिकतम रू. 10 लाख की परियोजना को बैंकों के माध्यम से वित्त पोशित किये जाते हैं, जिसमें 35 प्रतिशत मार्जिन मनी देय है। आवेदन ऑनलाइन के माध्यम से वेबसाइट www.kviconline.gov.in पर स्वयं किया जा सकता है।
स्वतः रोजगार योजनाः
इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के व्यक्ति को निगम की स्वतः रोजगार के अन्तर्गत रू 00.20 लाख से 07.00 लाख तक की परियोजनाओं के संचालन हेतु राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
निगम द्वारा योजना लागत का 50 प्रतिशत या रू. 00.10 लाख जो भी कम हो, अनुदान एवं रू 00.25 लाख से बड़ी योजनाओं में अनुदान कुल योजना की लागत 25 प्रतिशत मार्जिन मनी ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजनाः
यह योजना भारत सरकार तथा सिडबी के सहयोग से संचालित है। इस योजना का उद्देश्य फण्डिंग द अनफण्डेड के लक्ष्य के साथ अधिक से अधिक लोगों की संस्थागत ऋण तक पहुंच सुनिश्चित करते हुए सूक्ष्म इकाईंयों का विकास है।
इसके अन्तर्गत विनिर्माण, सेवा तथा व्यवसाय के लिए तीन श्रेणी में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/ एन.बी.एफ.सी/ सहकारी बैंक/ सूक्ष्म वित्त संस्थान के माध्यम से ऋण निम्नवत उपलब्ध है।
शिशु- रू 00.50 लाख तक
किशोर- रू. 00.50 लाख से 05.00 लाख तक
तरूण- रू. 05.00 लाख से रू. 10.00 लाख तक।
स्टैण्ड-अप योजनाः
इस योजना का उद्देश्य अनु. जाति/अनु. जनजाति तथा महिला उद्यमियों को व्यापार या उद्यम स्थापना के लिए बैंक ऋण प्रदान करना है। योजनान्तर्गत नये विनिर्माण, सेवा तथा व्यवसाय उद्यम हेतु रू.10.00 लाख से रू. 01.00 करोड़ तक की ऋण सुविधा बैंकों के माध्यम से उपलब्ध है।
इस योजना में प्रोजक्ट के कुल लागत की 75 प्रतिशत धनराशि ऋण के रूप में बैंकों द्वारा दी जाती है। इय योजना में प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम एक अनु. जाति/अनु. जनजाति तथा एक महिला लाभार्थी को ऋण देना आवश्यक है। अधिक जानकारी हेतु नजदीकी बैंक से सम्पर्क किया जा सकता है।