अगर आप अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद है, आप अपना वजन कम करना चाहते है या आप बीमारियों को दूर रखना चाहते है तो वीगन डाइट आपके लिए फायदेमंद हो सकती है और Vegan डाइट प्लान के बारे में आपको जानना चाहिए।
Vegan Diet क्या है? | Vegan diet meaning
Vegan शब्द की उत्पत्ति वीगेन्जिम से हुई है। वीगेन्जिम एक विचारधारा है जिसमे पशुओं को क्रूरता से बचाना और पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने पर विचार किया जाता है।
आजकल Vegan डाइट प्लान को ज्यादातर लोगों के द्वारा अपनाया जा रहा है। इस डाइट को अपनाकर बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।
वीगन डाइट में पशुओं से प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के उत्पादों जैसे दूध, अण्डा, पनीर, घी, मक्खन, शहद और मीट आदि को अपने आहार में शामिल नही किया जाता है।
Vegan डाइट प्लान में ऐसे सभी उत्पादों का सेवन किया जाता है जो पेड़ और पौधों से प्राप्त होते है। इन उत्पादों में फल, सब्जियां, फलीदार पौधे, अनाज और बीज शामिल है।
इसके अलावा पौधो द्वारा उत्पादित नट्स और ड्राई फ्रूटस भी इस डाइट में शामिल है।
वीगन और वैजिटिरियन डाइट में अंतर
वीगन डाइटः इस डाइट में पशु और पशुओँ से प्राप्त होने वाले किसी भी उत्पाद को अपने आहार में शामिल नही किया जाता है।
केवल पेड़ और पौधो से प्राप्त होने वाले उत्पादो की ही अपने आहार में शामिल किया जाता है।
वैजिटिरियन डाइटः इस डाइट में पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पाद जैसे घी, दूघ, मक्खन, पनीर आदि को अपने आहार में शामिल किया जाता है परन्तु मीट जैसे चिकन, मटन, मछली आदि को इस डाइट में शामिल नही किया जाता है।
इसके अलावा सभी प्रकार के प्लांट फूड इस डाइट में प्रयोग किये जाते है।
वीगन डाइट में सभी पोषक तत्व कैसे प्राप्त करेः
Vegan Diet Plan:
Vegan डाइट प्लान को अपनाते समय शरीर में कुछ तत्वों जैसे विटामिन बी-12, कैल्शियम, और आयरन की कमी हो सकती है।
इसके अलावा अन्य पोषक तत्वो और विटामिन्स की पूर्ति भी शरीर में आवश्यक है। क्योंकि वीगन डाइट में आपके द्वारा मीट और अन्य उत्पाद जैसे दूध,पनीर आदि का सेवन नही किया जाता है
इसके लिए यह आवश्यक है कि इन उत्पादों से मिलने वाले पोषक तत्वों और विटामिन्स को अन्य उत्पादों से पूरा किया जा सके।
कैल्शियमः 19 वर्ष से 51 वर्ष तक के व्यस्क को प्रतिदिन 2500 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यक्ता होती है।
वीगन डाइट में कैल्शियम के लिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जी, सरसों, ब्रोकली, पालक, गोभी, बींस आदि सब्जियों को शामिल कर सकते है।
100 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियों में 100 से 170 ग्राम तक कैल्शियम होता है। इसके अलावा डाइ फ्रूटस जैसे अखरोट, बादाम,पिस्ता और काजू आदि में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। टाफू और चिया के बीच भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत है।
प्रोटीनः सामान्यतः एक व्यस्क को प्रतिदिन अपने वजन के अनुसार 0.8 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन लेना चाहिए। प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के साथ, प्रमुख पोषण में से एक है जिसे हमारे शरीर में कोशिकाओं को विकसित करने, मरम्मत करने और बदलने की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन एंटीबॉडी का निर्माण करके प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति करते हैं। निम्नलिखित वस्तुएं प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
- चिया सीड्स- चिया सीड्स को प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल जैम और पुडिंग में किया जाता है।
- रामदाना- रामदाना को भी शाकाहारी आहार में प्रोटीन प्राप्त करने के लिए लिया जा सकता है। यह एक ग्लूटेन फ्री अनाज के रूप में जाना जाता है।
- कुट्टू का आटा- कुट्टू प्रोटीन के अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है। इसके सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी नही होती।
- किनोवा- यह एक तरह का बीज होता है जिसे गेंहू के आटे के विक्लप के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
- टोफू- यह सोयाबीन से बना होता है। इसमे प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है।
- सोया- यह शाकाहारी लोगों के द्वारा, प्रोटीन के रूप सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला स्रोत है। सोया में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पायी जाती है।
- दालें- अरहर, काला चना, उड़द की दाल, मूंग दाल, राजमा, लोबिया आदि
वसा के लिएः बादाम और नट्स, सोयाबीन, सोय मिल्क, एवोकाडो, कार्न, बादाम का तेल, जैतून, अलसी, तिल, सूरजमुखी का तेल
विटामिन डीः संतरे का जूस, मशरूम, अनाज जैसे (गेंहू, मक्का, बाजरा),सोया प्रोडक्टस, सूर्य की रोशनी
विटामिन बी-12: विटामिन बी 12 ज्यादातर मीट, चिकन, सीफूड, दूध, अंडे और चीज़ में पाया जाता है यही वजह है कि शाकाहार में इसकी कमी पूरी करना थोड़ा मुश्किल है।
एक व्यस्क को प्रतिदिन 2.4 मिली ग्राम बी-12 की मात्रा लेनी चाहिए। शाकाहारी आहार में आप इसे ब्रोकली, अलसी, साबुत अनाज, सोया मिल्क और खमीर से प्राप्त कर सकते है।
आयरन: साबुत अनाज, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, फल जैसे अनार, चुकंदर, सूखी किशिमिश, अंजीर, गुड़, तिल, बादाम, काजू, अखरोट
ओमेगा-3: यह अखरोट, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे फलों में काफी मात्रा में पाया जाता है।
पोटेशियम: टमाटर, किशमिश, तरबूज, आलू, केला, एवोकाडो, शकरकंद में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
Vegan Diet बेनिफिट्स इन हिन्दी-
1- वजन कम होता हैः Vegan डाइट प्लान में फल और सब्जियों का सेवन किया जाता है। इनमें कैलोरी और फैट दोनो की मात्रा बहुत कम होती है जोकि हमारे वजन को कम करने में सहायक होती है।
2- पाचन तंत्र मजबूत होता हैः फल और सब्जियों में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
4- एंटी आक्सीडेंट से भरपूर: वीगन डाइट एंटी आक्सीडेंट से भरपूर होती है। एंटी आक्सीडेंट हमारे शरीर को संक्रमण से बचाते है और शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते है।
5- पोषण से भरपूर: वीगन डाइट फल और सब्जियों की अधिकता के कारण पोषण से भरपूर होती है। फल और सब्जियों में सभी जरूरी पोषक तत्व और विटामिन पाये जाते है। जो कि हमारे शरीर को बीमारियों से दूर रखने में सहायक होते है।
6- ब्लड शुगर नियंत्रित होती है: कुछ शोधो में यह पाया गया है कि प्लांट बेस्ड फूड का सेवन करने से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियन्त्रित रहती है जिससे टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
7- कैंसर में: प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थ फाइबर, विटामिन, और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होते है। ये यौगिक हमारे शरीर को कैंसर से बचाते है।
8- हार्ट डिजीज में: प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में कोलेस्ट्राल की मात्रा नगण्य होती है और फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिससे ह्रदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।
वीगन डाइट में क्या ना खाएः
1- मीट- जैसे चिकन, मटन, पोर्क आदि
2- सीफूड- मछली और अन्य उत्पाद
3- डेयरी प्रोडक्ट- दूध, पनीर, घी आदि
4- अंडा
5- शहद
वीगन डाइट में क्या खाए | Vegan diet foods
सब्जियां: सब्जियां स्वाभाविक रूप से वसा और कैलोरी में कम होती हैं। सब्जियां पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं, जैसे पोटेशियम, आहार फाइबर, फोलेट (फोलिक एसिड), विटामिन ए, और विटामिन सी। इस आहार में, आप निम्नलिखित सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
हरी सब्जियां: पालक, ककड़ी, ब्रोकली, सलाद, मेथी
लाल: टमाटर, लाल शिमला मिर्च, चुकंदर
पीला: मकई, पीली शिमला मिर्च, कद्दू, नींबू
नारंगी: गाजर, स्क्वैश, शकरकंद
सफेद: गोभी, फूलगोभी
बैंगनी: बैंगनी फूलगोभी, प्याज
फल: फल स्वाभाविक रूप से वसा, सोडियम और कैलोरी में कम होते हैं और कोलेस्ट्रॉल नहीं होते हैं। फल पोटेशियम, आहार फाइबर, विटामिन सी, और फोलेट (फोलिक एसिड) सहित कई आवश्यक पोषक तत्वों के समृद्ध स्रोत हैं। भूमध्य आहार में, आप निम्नलिखित फल शामिल कर सकते हैं।
जैसे- एवोकैडो, अंगूर, अंजीर, सेब, संतरा, खरबूजा, आड़ू, स्ट्राबेरी
साबुत अनाज: साबुत अनाज प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, खनिज (लोहा, जस्ता, तांबा, और मैग्नीशियम) सहित पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं। एक साबुत अनाज युक्त आहार हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, मोटापे के खतरे को कम करता है।
आप सावुत अनाज में शामिल कर सकते हैं- साबुत गेहूं, ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ, बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, फॉक्सटेल, मल्टीग्रेन आटा
नट्स: नट्स वसा, फाइबर और प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। नट्स में मौजूद अधिकांश वसा मोनोअनसैचुरेटेड वसा, ओमेगा -6, और ओमेगा -3 पॉलीअनसेचुरेटेड वसा है
जैसे- बादाम, अखरोट, हेज़लनट्स, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज
मोनोसैचुरेटेड वसा: जैतून का तेल, एवोकैडो तेल, मूंगफली, और सरसों का तेल
सुझावः
1- आपको अपने आहार में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा, शुगर की जगह काम्पेलक्स कार्बोहाइड्रेट और साबुत अनाज शामिल करने चाहिए।
2- आप गाय या भैंस के दूध की जगह सोया मिल्क, आलमंड मिल्क या कोकोनट मिल्क ले सकते है।
3- आप पनीर के स्थान पर टोफू या सोया चीस का प्रयोग कर सकते है।
4- आप चिकन या अन्य किसी मीट की जगह, सोया चंक्स, सोया नग्टस या सोया ग्रेन्यूल्स ले सकते है।
5- प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए।
6- प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।
Vegan Diet साइड इफेक्ट्स
Vegan डाइट प्लान का अधिक समय तक प्रयोग करते रहने से शरीर में कुछ पोषक तत्वो व विटामिन्स की कमी हो सकती है क्योकिं कुछ विटामिन्स व पोषक तत्व प्लांट बेस्ड खाध पदार्थो में बहुत कम मात्रा मे पाये जाते है। इसलिए इनकी कमी से हमारे शरीर में कुछ समस्याएं भी हो सकती है।
विटामिन डी की कमी- प्लांट बेस्ड खाध पदार्थो में विटामिन डी बहुत कम मात्रा में पाया जाता है इसलिए लंबे समय तक इसकी कमी से शरीर में रिकेट्स, आर्थराइटिस आदि बीमारी हो सकती है।
आप इसकी कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंटस का सेवन भी नही कर पाएंगे क्योंकि यह सभी पशु उत्पाद से बने होते है।
विटामिन बी-12 की कमी- अगर आप वीगन डाइट का सेवन कर रहें है तो आपके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो सकती है क्योंकि प्लांट फूडस में विटामिन बी-12 नही पाया जाता।
इसलिए अगर आप वीगन डाइट अपना रहें है तो आपको विटामिन बी-12 की पूर्ति का ध्यान पड़ेगा, नही तो आपको गंभीर स्वास्थय समस्याएं हो सकती है।
विटामिन बी-12 की कमी से कई तरह के न्यूरोलाजिकल समस्याएं हो सकती है। इसकी कमी से थकान, हाथ-पांव में झनझनाहट महसूस होना, एनीमिया, याददाश्त कमजोर होना, भूख कम होना, सांस फूलना आदि समस्याएं हो सकती है।
हार्मोन्स में गड़बड़ी- वीगन डाइट में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए सोया को अपने आहार में ज्यादा मात्रा में लेने से शरीर का हार्मोनल स्तर नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन से बालों का झड़ना, अनियमित मासिक चक्र आदि समस्याएं हो सकती है।
आयरन की कमी- प्लांट आधारित खाद्य पदार्थों में आयरन तो होता है लेकिन यह लो-हीम किस्म का होता है जिस कारण यह शरीर में अच्छे से अवशोषित नही हो पाता।
इसलिए वीगन डाइट अपनाने वालो के अन्दर आयरन की कमी हो सकती है। शरीर में आयरन की कमी होने से थकान और एनीमिया जैसे कई लक्षण हो सकते हैं।
अवसाद का खतरा- वीगन डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी होने के कारण, अवसाद से ग्रसित होने का खतरा हो सकता है इसलिए आपको अपने आहार में ऐसे उत्पादों को शामिल करना पड़ेगा जो इसकी पूर्ति करते हो।
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