वॉटर फुटप्रिंट क्या है? | Water footprint in Hindi | वॉटर फुटप्रिंट के प्रकार

आजकल जिस प्रकार पृथ्वी पर पानी का दोहन किया जा रहा है, इस प्रकार वह दिन दूर नही है जब पृथ्वी पर पानी का संकट खड़ा हो जायेगा।

आज यह आवश्यक है कि धरती पर उपस्थित शुद्ध जल का सही प्रयाग से उपयोग किया जाये और उसको बर्बाद होने से रोका जाये।

इस आर्टिकल में आप जानेगें वॉटर फुटप्रिंट क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है। इससे पहले आपको पृथ्वी पर उपस्थित जल के बारे में बताया जा रहा है।

पृथ्वी पर जल का विवरण | Water available on earth

पूरे भूमण्डल के 70.8 प्रतिशत भाग पर जल या जलमण्डल है और 29.2 प्रतिशथ भाग पर स्थल है। अगर हम क्षेत्रफल की बात करें तो सम्पूर्ण भूमण्डल का क्षेत्रफल 51 करोड़ वर्ग किमी है, जिसके 36.17 करोड़ वर्ग किमी पर जल और 14.89 करोड़ वर्ग किमी पर स्थल का विस्तार माना जाता है।

इस जलमण्डल के अन्तर्गत महासागर, सागर, खाड़ियाँ आदि सम्मिलित किये जाते हैं। पृथ्वी को जल गोलार्द्ध और स्थल गोलार्द्ध में विभाजित किया जाता है।

पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में 81 प्रतिशत जल और 19 प्रतिशत स्थल है और उत्तरी गोलार्द्ध में 40 प्रतिशत जल और 60 प्रतिशत स्थल भाग है। 

                                              पृथ्वी पर जल का विवरण
क्रम संख्या जलाशय कुल का % में
01 महासागर 97.25
02 हिमानियां एवं हिमटोपियां 2.05
03 भूमिगत जल 0.68
04 झीलें 0.01
05 मृदा में नमी 0.005
06 वायुमण्डल 0.001
07 नदी-नालें 0.0001

 वॉटर फुटप्रिंट क्या है |  What is Water footprint?

वॉटर फुटप्रिंट लोगों द्वारा उपयोग किये गये पानी की सीमा को दर्शाता है। वॉटर फुटप्रिंट किसी व्यक्ति, समुदाय द्वारा उपयोग किये गये ताजे पानी या किसी इंडस्ट्री द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले ताजे पानी की कुल मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है।

यह पानी के उपभोग के विनियमन का एक उपाय है जो मानव के जल उपभोग की मात्रा घन मीटर/प्रति व्यक्ति / प्रति वर्ष के सन्दर्भ में बताता है।

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 वॉटर फुटप्रिंट के कुछ उदाहरण | Water footprint examples

1- हम अपने दैनिक जीवन जिन भी उत्पादों का प्रयोग करते हैं उनमे छुपा हुआ जल होता है जिसको हम वर्चुअल वॉटर कहते हैं।

उदाहरण के लिए जब आप एक कप काफी पीते है तो उस एक कप काफी को उगाने से लेकर प्रोसेसिंग और आप तक पहुंचने तक लगभग 140 लीटर पानी खर्च होता है।

इसका मतलब जब आप एक कप काफी पीते हैं तो इसके साथ आप 140 लीटर पानी भी पीते हैं परन्तु यह पानी इसमें छुपा हुआ होता है।

तो हम यह कह सकते हैं कि तो हमारा वॉटर फुटप्रिंट हमारे द्वारा केवल नहाने, कपड़े धोने, खाना बनाने जैसे कामों में खर्च किये गये पानी को ही कैलकुलेट नही करता बल्कि वो सभी तरह के पानी जैसे रीयल वॉटर, वर्चुअल वॉटर को भी कैलकुलेट करता है।

2- भारत में 1 किलो कॉटन तैयार होने में 22500 लीटर पानी खर्च होता है। हम जो खाते हैं, पहनते हैं, खरीदते हैं उनमें जो पानी खर्च होता है उसे वर्चुअल वॉटर कहते हैं यानि वो पानी जो हमें दिखायी नही देता लेकिन उसके वाटर फुटप्रिंट उसमें होते है।

इसी प्रकार एक जीन्स को तैयार करने में 15000 हजार लीटर पानी खर्च होता है। भारत में 70 से 80 करोड़ जीन्स प्रति वर्ष बिकती हैं यानि अगर आप साल में दो जीन्स भी खरीद रहें है तो आपकी अलमारी में पहुंचने से पहले इन पर 30 हजार लीटर पानी खर्च हो चुका है।

3- भारत में 1 किलो गेहूं का वॉटर फुटप्रिंट 1800 लीटर है और 1 किलो चावल का वॉटर फुटप्रिंट 2800 लीटर है।

यानि अगर एक परिवार में चार सदस्य हैं और वह प्रत्येक दिन 1 किलो चावल खाते हैं तो एक महीन में वे 30 किलो चावल खायेगें यानि वे 30 दिन में 85000 लीटर पानी खर्च कर रहे हैं परन्तु उन्हे पता ही नही की वे इतना पानी खर्च कर रहे हैं। वे साचते हैं कि हम पानी केवल नहाने, कपड़े धोने व खाना बनाने में ही खर्च कर रहे हैं।

 वॉटर फुटप्रिंट के प्रकार | Water footprint types

1- ग्रीन वॉटर फुटप्रिंट (वर्षा के बाद मिट्टी द्वारा संग्रहीत जल)

यह वर्षा के पानी की वह मात्रा होती है जिसे मिट्टी द्वारा संग्रहीत करने के बाद या तो वाष्पीकरण द्वारा खो दिया जाता है या पौधों द्वारा इस्तेमाल कर लिया जाता है। यह कृषि, बागवानी और वानिकी उत्पादों के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है।

2- ब्लू वॉटर फुटप्रिंट ( झीलों, नदियों और भूमिगत ताजा जल)

यह किसी भी उत्पाद के उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले भूजल और सतह जैसे झीलों, नदियों, तालाबों, जलाशयों और कुओं से प्राप्त जल की मात्रा को संदर्भित करता है। इसमें इन स्रोतों से वाष्पित हुए जल को भी शामिल किया जाता है।

3- ग्रे वॉटर फुटप्रिंट( प्रदूषित जल)

यह पानी की वह मात्रा है जो प्रयोग किये पानी में से अशुद्धि को खत्म करके नियमानुसार उसे पुनः प्रयोग हेतु बनाने में खर्च होती है।

उदाहरण के लिए किसी उधोग में किसी उत्पाद के बनाने में बहुत सारा पानी खर्च होता है और उत्पाद बनने के बाद अशुद्धि के रूप में गंदा पानी शेष बचता है।

अगर इस गंदे पानी को पुनः साफ पानी में बदला जा सकता है तो इस प्रकार गंदे पानी को साफ पानी में बदलने की प्रक्रिया में जो पानी खर्च होता है वह ग्रे वॉटर फुटप्रिंट कहलाता है।

रीसाइक्लिंग क्या है | What is Corporate Water footprint

एक कॉर्पोरेट वॉटर फुटप्रिंट को ताजे पानी की कुल मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका उपयोग प्रत्य़क्ष या अप्रत्यक्ष रूप से व्यवसाय को चलाने के लिए किया जाता है।

विभिन्न उत्पादों के वॉटर फुटप्रिंट | Water footprint of food

किसी भी उत्पाद का वॉटर फुटप्रिंट उस उत्पाद को  विभिन्न स्तर पर तैयार करने में खर्च ताजे पानी की कुल मात्रा है।

किसी भी उत्पाद का वॉटर फुटप्रिंट केवल यह नही बताता कि उसे बनाने में कुल कितना ताजा पानी खर्च हुआ है बल्कि यह भी बताता है कि कहां और कब यह पानी खर्च हुआ है।

नीचे तालिका में कुछ कृषि उत्पादों का वॉटर फुटप्रिंट दिया गया है।

उत्पाद वॉटर फुटप्रिंट, लीटर/ किलो ग्राम
बादाम 16194
सेब 822
केला 790
गेहूं 1608
मक्खन 5553
गोभी 237
पनीर 3178
चॉकलेट 17196
खीरा 353
खजूर 2277
अंडे 3300
आम, अमरूद 1800
दूध 1021
संतरा 560
आलू 287
कद्दू 353
चावल 2497
ताजे टमाटर 214
टमाटर ड्राई 4275
वॉटर फुटप्रिंट को कम करने के उपाय | Technique to reduce water footprint
 प्रत्यक्ष वॉटर फुटप्रिंट | Direct Water footprint 
  • जल से सम्बंधित कार्यों की आवृत्ति कम करके।
  • भूजल को फिर से रिचार्ज (भरने) के लिए जल संचयन को अपनाना चाहिए।
  • नल और शॉवर पर पानी बचाने वाले उपकरण स्थापित करने चाहिएं।
  • शॉवर की जगह बाल्टी से स्नान करना चाहिए।
  • घर की साफ सफाई के लिए प्रयोग किये हुए पानी का प्रयोग करना चाहिए।
अप्रत्यक्ष वॉटर फुटुप्रिंट | Indirect Water footprint
  • कम पानी में पकने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • मांस और पशु उत्पाद कम खाने चाहिएं।
  • हानिकारक रासायन आधारित सफाई उत्पादों का उपयोग कम करके।
  • कोशिश करें कि उत्पादों का बार बार प्रयोग में लाया जा सके।
  • कूडें-कचरे का प्रवंधन सही से करें ताकि यह भूजल को दूषित न करे।

 ग्रीन क्म्पयूटिंग के बारे में जानने के लिए पढ़े- Click Here

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