शुक्र एक शुभ ग्रह है। शुक्र को दैत्यों का गुरू माना जाता है। शुक्र जीवन में सौंदर्य और विलासिता से संबंध रखता है। शुक्र सुविधा के साथ-साथ सुख भी देता है।
शुक्र अपनी महादशा में या फिर उम्र के 25 वें से 26 वें साल के बीच में व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। शुक्र की अपनी राशि वृष व तुला है। शुक्र मीन राशि में उच्च के व कन्या राशि में नीच के होते हैं।
शुक्र का जीवन में महत्वः
ज्योतिष में शुक्र को सुख व पारावारिक जीवन का कारक माना जाता है। ज्योतिष में शुक्र वैभव, विलास, सुख, प्रेम और धन-सम्पत्ति का कारक माना जाता है।
शुक्र के बिना कभी भी व्यक्ति को पारिवारिक सुख की अनुभूति नहीं होती है। शुक्र के पीड़ित होने व खराव होने पर घर में अशांति बनी रहती है व व्यक्ति पारिवारिक सुख का अनुभव नही कर पाता।
चमकदार सफेद रंग, काम भाव, प्रेम और हीरा शुक्र के ही अधिकार क्षेत्र में आते हैं। शुक्र की भूमिका मांगलिक कार्यों में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
गोचर में शुक्र के अस्त होने पर किसी भी मंगल कार्य के करने की अनुमति नहीं दी जाती है। अगर गोचर में शुक्र उदय हो तो मंगल कार्य आसानी से हो जाते हैं।
शुक्र के कमजोर होने के लक्षणः
शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति आकर्षक नहीं होता, ना ही रूप रंग से और नही ही परिधान से। ऐसे व्यक्ति बहुत साफ-सुथरे और अच्छे तरीके से नहीं रहते।
शुक्र के कमजोर होने पर, व्यक्ति कितनी भी सुविधा जुटा ले पर वह उसका सुख नही ऊठा पाता। शुक्र के कमजोर या पीड़ित होने पर व्यक्ति को आंखों की समस्या या मधुमेह होने का खतरा रहता है।
शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को स्त्री सुख नही मिल पाता। शुक्र के कमजोर होने पर दांपत्य जीवन में सुख नही मिलता। ऐसे व्यक्ति जिनका शुक्र कमजोर होता है वे दिखावा ज्यादा करते हैं।
शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को गुप्त रोग भी हो सकते हैं। शुक्र के अच्छा ना होने पर जीवन में नीरसता आ जाती है। ऐसे व्यक्तियों के घर में साफ सफाई नही रहती। शुक्र के कमजोर होने पर घर में सोना नही टिक पाता।
अच्छे शुक्र के जीवन में लक्षणः
अगर कुंडली में शुक्र मजबूत होगा तो व्यक्ति बहुत आकर्षक होता है। व्यक्ति दिखने में कैसा भी हो परन्तु उसका व्यवहार, स्वभाव बहुत अच्छा होता है।
जब शुक्र अच्छा होता है तो ऐसे लोगों को सजने-संवरने और दिखावे का खूव शौक होता है। ये लोग अनावश्यक दिखावा नही करते बल्कि सीमा के अंदर ही दिखावा करते है।
कुंडली में शुक्र के मजबूत होने पर व्यक्ति वैभवशाली जीवन व्यतीत करता है और बहुत ज्यादा नाम-यश अर्जित करता है। ऐसे लोग सामान्यतः मीडिया, फिल्म और कला के क्षेत्र में होते हैं।
अगर ये लोग किसी ओर क्षेत्र मे भी जाते हैं तो इनको वहां भी प्रसिद्धि आसानी से प्राप्त हो जाती है। ऐसे लोगों को स्त्रियों से बहुत सम्मान मिलता है और इनका दांपत्य जीवन भी बहुत सुखद रहता है।
शुक्र के अच्छा होने पर ऐसे लोगों को सुख व सुविधा बहुत आसानी से मिल जाती है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में शुक्र अच्छा है वे अपने घर को बहुत सजाकर रखते हैं।
शुक्र का रत्नः
शुक्र का रत्न हीरा है। इसको आप शुक्रवार को दायें हाथ की कनिष्ठा या मध्यमा उंगली में सोने या चांदी में धारण कर सकते है।
शुक्र के बीज मंत्रः
शुक्र का एकाक्षरी बीज मंत्रः
ॐ शुं शुक्राय नमः
तांत्रिक मंत्रः
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
शुक्र ग्रह के उपायः
- शुक्र के मंत्र का भोर या शाम में जाप करें।
- हल्की सुंघध वाले इत्र का प्रयोग करें।
- सलाह लेकर ओपल या हीरा धारण करें।
- काम करने की जगह पर कांच का फूल रखें।
- सुबह के समय में मिश्री व दोपहर के समय में दही को सेवन जरूर करें।
- चमकदार सफेद रंग को प्रयोग करें व काले रंग से बचें।
- महिलाओं का सम्मान करें।
- शुक्रवार को गाय को रोटी पर खीर रखकर खिलाना चाहिए।
- सफेद रेश्मी रूमाल अपने पास रखें।
- महिलाएं शुक्र को मजबूत करने के लिए कांच की चूड़ियां जरूर पहनें।